
गोड्डा समेत विभिन्न विद्यालयों में एमआर अभियान के तहत 9 माह से 15 वर्ष के बच्चों को मीजल्स रूबेला का टीका लगाया गया। इस दौरान सीडीपीओ एवं सर्विलांस मेडिकल ऑफिसर, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने कई टीकाकरण केंद्रों का निरीक्षण किया।
वहीं जिला के सभी प्रखंडो में भी निजी एवं सरकारी विद्यालयों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में एमआर अभियान के तहत बच्चों को टीका लगाया गया।
इस दौरान सभी बीपीएम द्वारा टीकाकरण केंद्रों का क्षेत्र भ्रमण किया गया औऱ यह सुनिश्चित किया गया कि बच्चों को सही तरीके से टीका दिया जा रहा है या नही।
सीडीपीओ बसंतराय ने ग्रामीणों से बातचीत करते हुए बताया कि खसरा एक जानलेवा रोग है। यह वायरस द्वारा फैलता है। इसके कारण बच्चों में दिव्यांगता तथा असमय मृत्यु हो सकती है। वहीं रूबैला भी एक संक्रामक रोग है।
यह भी वायरस द्वारा फैलता है। इसके लक्षण खसरा रोग जैसे होते हैं। यह लड़के या लड़की दोनों को संक्रमित कर सकता है। यदि कोई महिला गर्भावस्था के शुरुआती चरण में इससे संक्रमित हो जाए तो कंजेनिटल रूबैला सिंड्रोम (सीआरएस) हो सकता है जो उसके भ्रूण तथा नवजात शिशु के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।
खसरा रूबैला का टीका पूर्ण रूप से सुरक्षित है। इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है। बच्चों को यह टीका एक प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी द्वारा लगाया जाएगा।
