केंद्र सरकार ने 25 नवंबर यानी सोमवार को पैन 2.0 शुरू करने की घोषणा की। इलेक्ट्रॉनिक और IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा- ‘नया पैन 2.0 क्यूआर कोड सुविधा के साथ आएगा।’
जब भारत में 78 करोड़ से ज्यादा आबादी के पास पैन कार्ड है, तो फिर नया पैन 2.0 लाने की क्या जरूरत। क्या सिर्फ क्यूआर कोड की वजह से केंद्र सरकार 1,432 करोड़ रुपए खर्च करने वाली है।
सबसे पहले जानते हैं कि पैन कार्ड क्या होता है…
परमानेंट अकाउंट नंबर यानी पैन कार्ड 10 अंकों का एक ऐसा नंबर होता है, जिसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जारी करता है। सभी भारतीयों के लिए पैन कार्ड बेहद जरूरी डॉक्यूमेंट है। यह पहचान पत्र के साथ वित्तीय मामलों में भी इस्तेमाल किया जाता है ।
`सवाल 1: पैन 2.0 क्या है और इसे क्यों लॉन्च किया गया?`
जवाब: भारतीय आयकर विभाग ने पैन कार्ड का 2.0 वर्जन लॉन्च किया है। यह पैन 1.0 का अपडेटेड वर्जन है। अभी तक 1972 में शुरू किए गए पैन कार्ड का इस्तेमाल हो रहा था, लेकिन अब पैन 2.0 का इस्तेमाल अनिवार्य कर दिया जाएगा। पैन 1.0 में बदलाव करते हुए पैन 2.0 लॉन्च किया गया है।
25 नवंबर (सोमवार) को केंद्र सरकार ने पैन 2.0 योजना के लिए 1,435 करोड़ रुपए का बजट मंजूर किया। केंद्र सरकार पैन 2.0 के जरिए सुरक्षा में सुधार करना चाहती है। इसलिए पैन 2.0 में नए और ज्यादा सिक्योर्ड टेक्नोलॉजी प्रोटोकॉल फीचर्स को जोड़ा गया है। अश्विनी वैष्णव ने बताया-
पुराने पैन कार्ड में सुरक्षा की खामियां थीं, जिससे धोखाधड़ी के मामले बढ़ रहे थे। किसी व्यक्ति के पैन कार्ड से उसकी आइडेंटिटी थेफ्ट यानी पहचान की चोरी भी बढ़ने लगी थी। मौजदा वक्त में पैन कार्ड को ऑपरेट करने वाले सॉफ्टवेयर 15 से 20 साल पुराने हैं। इन सॉफ्टवेयर्स की वजह से कई बार परेशानी आ जाती है। इसलिए नए पैन कार्ड में सिस्टम को डिजिटल तौर पर तैयार किया जाएगा। नए सिस्टम की मदद से पैन कार्ड यूनिवर्सल आईडी की तरह काम करेगा।
`सवाल 2: पैन 2.0 में क्या नया होगा और इसके क्या फायदे होंगे?`
जवाब: केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया के मुताबिक, पैन 2.0 पुराने पैन कार्ड से पूरी तरह से अलग होगा। इसे आधार कार्ड से लिंक करके फाइनेंस और टेक्सपेयर्स के डेटा को मैनेज करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसे 4 पॉइंट्स से समझते हैं…
1. पैन कार्ड का डिजिटलाइजेशन
पैन 2.0 की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसका डिजिटलाइजेशन कर दिया जाएगा। आसान भाषा में कहें तो पैन 2.0 का फिजिकल कार्ड नहीं मिलेगा। इसका डिजिटल कार्ड बनेगा। इससे पैन कार्ड के फर्जीवाड़े को रोका जाएगा।
2. क्यूआर कोड का सिक्योरिटी फीचर
पैन 2.0 में क्यूआर कोड का फीचर जोड़ा गया है। इसे डिजिटल सिग्नेचर के तौर पर भी समझ सकते हैं। क्यूआर कोड में पैन कार्ड होल्डर का नाम और पैन नंबर छिपा रहेगा। इस कोड को स्मार्टफोन या किसी भी स्कैनिंग डिवाइस से स्कैन करके पैन कार्ड का वैरिफिकेशन करना आसान हो जाएगा।
3. आधार कार्ड से लिंकिंग
पैन 2.0 को आधार कार्ड से लिंक करना अनिवार्य हो जाएगा। अगर आपके पास पहले से पैन कार्ड लिंक है, तो नए इसे नए कार्ड से अपडेट करना होगा। इससे टैक्सपेयर्स की आसानी से पहचान हो सकेगी और इनकम टैक्स की चोरी को रोकने में मदद मिलेगी।
4. एडवांस्ड टेक्नोलॉजी इन्फ्रास्ट्रक्चर
पैन 2.0 से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सिस्टम को बेहतर मदद मिलेगी। इससे कागजी दस्तावेजों का इस्तेमाल कम किया जाएगा और डिजिटलाइजेशन के जरिए जांच की प्रक्रिया में भी तेजी आएगी। इसका इस्तेमाल सरकारी योजनाओं, वित्तीय लेनदेन और आधिकारिक दस्तावेज के रूप में किया जाएगा।
`सवाल 3: क्या पैन 2.0 के लिए नया आवेदन करना होगा और क्या ये मुफ्त रहेगा?`
जवाब: अजय केडिया के मुताबिक, अगर आपके पास पहले से पैन कार्ड है तो आपको पैन 2.0 के लिए नया आवेदन करने की जरूरत नहीं है। आपको सिर्फ आधार कार्ड से पैन को लिंक करना होगा, क्योंकि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आधार लिंकिंग को अनिवार्य कर दिया है। पैन कार्ड लिंक करने के लिए आपको इनकम टैक्स की वेबसाइट incometaxindiaefilling.gov.in पर लॉग इन करना होगा।
आप SMS के जरिए भी पैन कार्ड लिंक कर सकते हैं। इसके लिए आपके पास आधार कार्ड और पैन से लिंक मोबाइल नंबर होना चाहिए। उदाहरण के लिए आप UIDPAN<स्पेस><आधार नंबर> लिखकर 56161 पर भेज सकते हैं। इसके बाद आपका पैन कार्ड अपडेट हो जाएगा।
वहीं, अगर आपके पास पहले से पैन कार्ड नहीं है तो आपको इनकम टैक्स की वेबसाइट पर जाकर नया आवेदन करना होगा। यह प्रोसेस पूरी तरह से मुफ्त रहेगी। इसके लिए आपको कोई चार्ज नहीं देना पड़ेगा। आवेदन करने के बाद आपको पैन 2.0 के तहत नया डिजिटल पैन कार्ड मिल जाएगा। इसमें आधार लिंकिंग समेत अन्य नई सुविधाएं होंगी।
`सवाल 4: पैन 2.0 कैसे मिलेगा और इसे कहां स्टोर किया जाएगा?`
जवाब: पैन 2.0 बनने के बाद इसे इनकम टैक्स की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकेगा। UTIITSL और NSDL की ऑफिशियल वेबसाइट से भी डाउनलोड कर सकते हैं। यह PDF फॉर्मेट में डाउनलोड होगा। इसे फोन या कम्प्यूटर में सेव कर सकेंगे। यह कार्ड पूरी तरह से वैध होगा और किसी भी आधिकारिक प्रक्रिया में इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा। पैन 2.0 का डेटा इनकम टैक्स विभाग के डेटाबेस में स्टोर रहेगा।
`सवाल 5: क्या पुराना पैन कार्ड बंद हो जाएगा?`
जवाब: अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, पुराने पैन को बंद नहीं किया जाएगा। जब तक नया कार्ड नहीं बनेगा, तब तक पुराने कार्ड से ही काम होते रहेंगे। पैन 2.0 बनने के बाद नए कार्ड का इस्तेमाल अनिवार्य हो जाएगा।
पुराने पैन कार्ड को अपडेट करने पर पैन नंबर में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। यानी आपका पैन नंबर वही रहेगा, लेकिन अगर आप पहली बार पैन कार्ड बनवा रहे हैं, तो आपको नए पैन 2.0 के साथ नया पैन नंबर भी दिया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ‘पुराने पैन कार्ड तब तक बंद नहीं किए जाएंगे, जब तक नए पैन 2.0 नहीं बन जाते।’
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ‘पुराने पैन कार्ड तब तक बंद नहीं किए जाएंगे, जब तक नए पैन 2.0 नहीं बन जाते।’
`सवाल 6: पैन 2.0 से टैक्सपेयर्स को क्या फायदा होगा?`
जवाब: सीनियर चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश जैन के मुताबिक, पैन 2.0 से टैक्सपेयर्स को 5 फायदें होंगे…
पैन 2.0 टैक्सपेयर्स की रजिस्ट्रेशन तकनीक को ट्रांसफॉर्म करते हुए इसे और भी टेक्नोलॉजी ड्रिवन बना देगा। इससे टैक्सपेयर्स को कई लाभ होंगे
पैन 2.0 के बाद टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स विभाग में रजिस्ट्रेशन करना आसान हो जाएगा। टैक्सपेयर्स को सिर्फ एक ही जगह वैरिफिकेशन प्रोसेस को पूरा करना होगा। इसके बाद डिटेल्स को डेटा के रूप में ऑनलाइन सिक्योर कर दिया जाएगा।
इसके तहत टैक्सपेयर्स का डेटा एक ही जगह उपलब्ध होगा। पैन 2.0 के बाद गलत जानकारी होने की संभावना कम हो जाएगी। इसके साथ ही सरकार पैन वॉल्ट सिस्टम लेकर आएगी, जिससे पैन की जानकारी को ज्यादा सिक्योर किया जा सकेगा।
पैन कार्ड के 10 डिजिट के यूनीक नंबर को क्यूआर कोड में छिपा दिया जाएगा। किसी भी टैक्सपेयर्स की डिटेल्स निकालने के लिए सिर्फ क्यूआर कोड स्कैन करना होगा। ऐसे में फाइनेंस से जुड़े सभी मसलों में टैक्सपेयर्स के लिए पेपरवर्क कम हो जाएगा।
पैन 2.0 के तहत सरकार एक पोर्टल भी लॉन्च करेगी। इसमें टैक्स से संबंधित किसी भी शिकायत का जल्द निवारण हो सकेगा। इसके अलावा यह एक यूनिफाइड पोर्टल होगा जिससे सभी सरकारी पोर्टल लिंक होंगे।
`सवाल 7: कॉमन बिजनेस आइडेंटिफाई मिशन के तहत पैन 2.0 लॉन्च किया गया, ये क्या है?`
जवाब: कॉमन बिजनेस आइडेंटिफायर मिशन यानी CBI को पहली बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण 2023 के दौरान पेश किया था। CBI का उद्देश्य भारत में बिजनेस करने के तरीके को आसान बनाना है। इस मिशन के तहत भारत में शुरू होने वाले किसी भी बिजनेस को एक यूनीक पहचान नंबर दिया जाता है। जिससे उसके लिए सभी तरह के टैक्स, कानूनी और वित्तीय लेनदेन को मैनेज किया जा सके।
बजट 2023 के भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारण कॉमन बिजनेस आइडेंटिफायर मिशन की घोषणा करते हुए।
बजट 2023 के भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारण कॉमन बिजनेस आइडेंटिफायर मिशन की घोषणा करते हुए।
पैन 2.0 को कॉमन बिजनेस आइडेंटिफायर मिशन के तहत लॉन्च किया गया है। अभी तक किसी भी कंपनी के लिए PAN, TAN और TIN नंबर अलग से जारी होता था। इसका मैनेजमेंट करना इनकम टैक्स विभाग के लिए मुश्किल का काम था। इसलिए अब पैन 2.0 के बाद एक ही यूनीक आईडी जारी की जाएगी, जिसमें PAN, TAN और TIN की जानकारियां मौजूद होंगी।
`सवाल 8: पैन 2.0 नहीं बनवाया तो क्या होगा?`
जवाब:अजय केडिया के मुताबिक, अगर आप पैन 2.0 नहीं बनवाते हैं, तो इसके कुछ नुकसान हो सकते हैं। अगर आपके पास कोई पुराना पैन कार्ड है और आपने उसे आधार से लिंक नहीं किया, तो मुसीबत ज्यादा बढ़ सकती है।
पुराने पैन कार्ड को बंद किया जा सकता है।
इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग और वित्तीय लेनदेन में परेशानी आ सकती है।
विदेश यात्रा या नौकरी के लिए पैन कार्ड का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।
बैंकिंग ट्रांजैक्शन, लोन आवेदन, क्रेडिट कार्ड आवेदन और अन्य काम नहीं होंगे।
पैन कार्ड की धोखाधड़ी या फर्जीवाड़े का खतरा बना रहेगा।
सरकारी योजनाओं और सब्सिडी का फायदा नहीं मिलेगा।
पैन 2.0 नहीं होने से वित्तीय और कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
`सवाल 9: पैन कार्ड कितने तरह के होते हैं ?`
जवाब: राजेश जैन के मुताबिक, पैन कार्ड 11 तरह के होते हैं। किसी इंस्टीट्यूशन को उसकी प्रोफाइल के बेसिस पर अलग-अलग तरह के पैन कार्ड जारी किए जाते हैं। जबकि इंडीविजुअल को उनकी नागरिकता के आधार पर पैन कार्ड मिलते हैं। इन्हें पैन कार्ड पर मौजूद अल्फा डिजिट के अनुसार बांटा गया है।
आम लोगों को P कैटेगरी का पैन कार्ड दिया जाता है। इस तरह के पैन कार्ड भारत में रहने वाले इंडिविजुअल व्यक्ति के लिए जारी किए जाते हैं। इस तरह के पैन कार्ड का इस्तेमाल उस व्यक्ति की आर्थिक गतिविधि की जानकारी के लिए किया जाता है।
हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली के लिए HUF कैटेगरी के पैन कार्ड दिए जाते हैं। इसमें हिंदू, जैन या सिख फैमिली आती हैं। जहां एक से ज्यादा कमाने वाले लोग हैं और सभी एक ही परिवार का पोषण करते हैं।
किसी कंपनी को पैन कार्ड जारी करते समय C कैटेगरी दी जाती है। किसी कंपनी को भारत में बिजनेस शुरू करने के लिए C कैटेगरी का पैन कार्ड लेना अनिवार्य होता है। किसी कंपनी को पैन कार्ड से एक यूनीक आइडेंटिटी मिल जाती है।
पार्टनरशिप फर्म के लिए F कैटेगरी का पैन कार्ड जारी किया जाता है। एक से ज्यादा व्यक्तियों के किसी फर्म का रजिस्ट्रेशन करने पर यह पैन कार्ड दिया जाता है।
देश में सरकारी विभागों के लिए भी पैन कार्ड जारी किया जाता है। इसके लिए G कैटेगरी के पैन कार्ड होते हैं। इसे गवर्नमेंट एनटिटीज पैन कार्ड भी कहा जाता है। ये इनकम टैक्स विभाग में रजिस्ट्रेशन कराने वाले सरकारी विभागों को दिया जाता है।
चैरिटेबल ऑर्गनाइजेशन या ट्रस्ट को T कैटेगरी का पैन कार्ड दिया जाता है। T कैटेगरी के तहत धार्मिक, चैरिटेबल या अन्य सार्वजनिक उद्देश्य के लिए काम करने वाले ट्रस्ट आते हैं। T कैटेगरी के पैन कार्ड से ट्रस्ट की आधिकारिक पहचान की जाती है। इसके साथ ही ट्रस्ट के वित्तीय लेनदेन पर भी नजर रखी जाती है।
A कैटेगरी के पैन कार्ड एसोसिएशन को दिए जाते हैं। एसोसिएशन को आसान भाषा में समझें, तो इसे दो से ज्यादा लोग या कंपनियां बिजनेस के उद्देश्य से बनाती हैं।
बॉडी ऑफ इंडिविजुअल्स के लिए B कैटेगरी का पैन कार्ड जारी किया जाता है। बॉडी ऑफ इंडीविजुअल्स को दो से ज्यादा लोग मिलकर बनाते हैं। इसमें कंपनियां शामिल नहीं होती हैं।
L कैटेगरी का पैन कार्ड लोकल अथॉरिटी के लिए दिया जाता है। लोकल अथॉरिटी यानी नगर पालिका या नगर निगम को कहा जाता है। इनके फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन को ट्रैक करने के लिए L कैटेगरी का पैन कार्ड जारी होता है।
लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप को भी F कैटेगरी का पैन कार्ड मिलता है। यह एक से ज्यादा लोगों द्वारा लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप के तहत कंपनी बनाने पर दिया जाता है।
J कैटेगरी का पैन कार्ड किसी व्यक्ति को तभी मिलता है जब वह बाकी 10 कैटेगरी में नहीं आता है।
इसके अलावा विदेशी नागरिक और विदेशी कंपनियों को भी पैन कार्ड जारी किए जाते हैं। उन्हें फॉर्म 49AA के जरिए अप्लाय करना होता है।