होली पर होगा उपछाया चंद्रग्रहण:कहां और कब दिखेगा उपछाया चंद्र ग्रहण।।

25 मार्च का चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, इसलिए नहीं रहेगा इसका सूतक

रविवार, 24 मार्च की रात होलिका दहन होगा और सोमवार, 25 मार्च को होली खेली जाएगी। इस साल होली यानी धुरेंडी की सुबह उपछाया चंद्र ग्रहण हो रहा है, हालांकि ये ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा। वैसे भी उपछाया चंद्र ग्रहण की कोई धार्मिक मान्यता नहीं रहती है। इसलिए इस चंद्र ग्रहण का कोई सूतक भी नहीं होता है।

कहां और कब दिखेगा उपछाया चंद्र ग्रहण

भारतीय समय के अनुसार 25 तारीख की सुबह करीब 10.30 बजे शुरू होगा और दोपहर 3 बजे खत्म होगा। ये ग्रहण अमेरिका और इसके आसपास के देशों में दिखाई देगा।

दो दिन रहेगी फाल्गुन पूर्णिमा

इस साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा 24 और 25 मार्च को रहेगी, लेकिन होलिका दहन 24 मार्च की रात में ही किया जाएगा। होलिका दहन रात में किया जाता है और 24 मार्च की रात पूर्णिमा रहेगी, जबकि 25 मार्च की दोपहर करीब 12 बजे तक ही पूर्णिमा तिथि है, इसलिए 24 मार्च की रात में होलिका दहन किया जाएगा।

25 मार्च को खत्म होगा होलाष्टक

फाल्गुन मास की पूर्णिमा 25 मार्च की दोपहर करीब 12 बजे खत्म होगी और इसके साथ ही होलाष्टक भी खत्म हो जाएंगे। वैसे तो होलाष्टक के बाद विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, जनेऊ जैसे शुभ काम के मुहूर्त मिलने लगते हैं, लेकिन अभी खरमास भी चल रहा है, इस वजह से इन शुभ कामों के मुहूर्त नहीं मिल पाएंगे। खरमास में सूर्य अपने गुरु की राशि में रहता है और गुरु की सेवा करता है।

अभी सूर्य गुरु ग्रह की मीन राशि में है। ये ग्रह 13 अप्रैल तक इसी राशि में रहेगा। जब सूर्य धनु या मीन राशि में रहता है तो इस समय को खरमास कहते हैं। अब 13 अप्रेल तक इन मांगलिक कार्यों के मुहूर्त नहीं रहेंगे, इसलिए ये शुभ काम नहीं करने की सलाह ज्योतिषियों द्वारा दी जाती है। इस महीने में क्रोध, नशा, देर तक सोना, मांसाहार नहीं करना चाहिए।

खरमास में क्यों नहीं रहते हैं शुभ मुहूर्त

किसी भी शुभ काम की शुरुआत में पंचदेवों का पूजन किया जाता है। इन पंचदेवों में गणेश जी, शिव जी, विष्णु जी, देवी दुर्गा और सूर्य देव शामिल हैं। इन पांचों देवताओं की पूजा के बाद ही शुभ काम आगे बढ़ते हैं। खरमास में सूर्य देव अपने गुरु की सेवा में रहते हैं, इस कारण वे हमारे शुभ काम में उपस्थित नहीं हो पाते हैं। सूर्य की अनुपस्थिति में किए गए शुभ काम सफल नहीं होते हैं। इसी मान्यता की वजह से खरमास में विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे कामों के लिए मुहूर्त नहीं रहते हैं।

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