
भारतीय मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम में बना गहरा दबाव अगले 24 घंटों में चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है। यह मौसमी प्रणाली तेजी से तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटीय क्षेत्रों की ओर बढ़ रही है। जिससे भारी बारिश और तेज हवाओं के साथ समुद्र में खतरनाक स्थितियां पैदा होने की आशंका है।
मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि समुद्र की सतह का तापमान 28-30 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने के कारण चक्रवात बनने की प्रक्रिया के लिए अनुकूल परिस्थितियां बन रही हैं। यह दबाव प्रणाली इस समय श्रीलंका के त्रिंकोमाली बंदरगाह से 310 किमी दक्षिण-पूर्व, नागपट्टिनम से 590 किमी दक्षिण-दक्षिण पूर्व, और चेन्नई से 800 किमी की दूरी पर स्थित है। यह 12 किमी प्रति घंटे की गति से उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ रहा है।
चक्रवात बनने की संभावना और प्रभाव
आईएमडी का पूर्वानुमान है कि यह प्रणाली 27 नवंबर तक एक पूर्ण विकसित चक्रवात का रूप ले लेगी। इसके कारण तमिलनाडु, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश में भारी बारिश, तेज हवाओं और तटीय क्षेत्रों में गड़बड़ी की संभावना है। अनुमान है कि इस चक्रवात के कारण 25-30 समुद्री मील की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। जो 35 समुद्री मील तक बढ़ सकती हैं।
आईएमडी ने अनुमान लगाया है कि 29 नवंबर तक तटीय इलाकों में समुद्र की स्थिति अशांत रहेगी। यह प्रणाली तटीय जिलों को प्रभावित कर सकती है और समुद्री गतिविधियों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती है।
तमिलनाडु और पुडुचेरी के लिए हाई अलर्ट
आईएमडी ने स्थिति पर बनाई नजर
आईएमडी ने स्थिति पर नजर बनाए रखते हुए समय-समय पर अपडेट जारी करने का आश्वासन दिया है। इसके साथ ही अफवाहों को छोड़कर सूचनाओं के लिए विश्वसनीय स्रोतों पर भरोसा करने की सलाह दी है। इसके साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षित स्थानों पर रहने और बिजली की आपूर्ति, अन्य सेवाओं में संभावित बाधाओं के लिए तैयार रहने और समुद्री गतिविधियों से बचने और आपातकालीन सेवाओं के संपर्क में रहने के निर्देश दिए हैं।
बंगाल की खाड़ी में उभर रहा चक्रवात तमिलनाडु और आसपास के तटीय क्षेत्रों में गंभीर प्रभाव डाल सकता है। प्रशासन और जनता को इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार रहने की आवश्यकता है। इस प्रकार की चुनौतियां प्राकृतिक आपदाओं के प्रबंधन और सामुदायिक तैयारी के महत्व को रेखांकित करती हैं।
