
■ 08 फरवरी से 25 फरवरी तक अभियान चलाते हुए ठोष एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के क्रियान्वयन हेतु जिला स्तर पर कुल संरचनाओं के आकलन कर कार्य योजना तैयार किए जाएंगे।
■सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी की रहोगी मुख्य भूमिका: -उप विकास आयुक्त गोड्डा
आज दिनांक 08.02.2023 को डीआरडीए स्थित सभागार में उप विकास आयुक्त महोदय गोड्डा की अध्यक्षता में स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के क्रियान्वयन हेतु जिला स्तर पर कुल संरचनाओं के आंकलन हेतु जिला स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन जिला जल एवं स्वच्छता समिति गोड्डा के द्वारा किया गया।
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज- ॥ वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रारंभ किया गया है साथ ही वित्तीय वर्ष 2024-25 तक सम्पूर्ण ग्राम स्तरों पर मिशन मोड में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन का कार्य विभिन्न विभागों के अभिसरण यथा पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, पंचायती राज विभाग तथा अन्य विभागों से किया जाना है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज 2 के तहत् विभिन्न आयामों पर कार्य किया जाना है।
इसी उद्देश्य के साथ स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज 2 के तहत ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के क्रियान्वयन के लिए संरचनाओं का आकलन कर विलेज सेनिटेशन सैचुरेशन प्लान (VSSP) तैयार किया जाना है। जिसके तहत जिला स्तर पर 1 दिवसीय कारशाला का आयोजन किया गया।
उप विकास आयुक्त ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन हेतु सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण रहेगी। साथ ही सभी प्रखंड के मुखिया, जल सहिया इस योजना को सफल बनाने हेतु जमीनी स्तर पर कार्य करेंगे। 7 से लेकर 25 फरवरी तक सभी संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मियों द्वार अभियान चलाते हुए सभी ग्रामों में जाकर वहां की संरचनाओं के आंकलन तैयार करते हुए जिला स्तरीय योजना तैयार करेंगे जिसके आधार पर कार्य किया जाएगा।जिसके लिए युद्ध स्तर पर सभी बीडीओ एवं संबंधित अधिकारी / कर्मियों को कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने डाटा तैयार करने की सलाह दी जिसके तहत पूर्व के वर्षों में विभिन्न योजनाओं के तहत कई स्ट्रक्चर का निर्माण किया जा चुका है जिसका आंकलन करते हुए वैसे स्ट्रक्चर्स की सूची तैयार करें ।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत ओडीएफ प्लस पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ही खुले में शौच मुक्त अभियान को जारी रखा जाएगा तथा ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन को भी बढ़ावा दिया जाएगा। ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन की निगरानी निम्नलिखित चार संकेतकों के आधार पर की जाएगी- प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन,जैव अपघटित ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (जिसमें पशु अपशिष्ट प्रबंधन शामिल है), तरल अपशिस्ट प्रबंधन, मलयुक्त कीचड़ प्रबंधन ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के तहत बुनियादी ढाँचों जैसे कि खाद के गड्ढे, सोखने वाले गड्ढे, अपशिष्ट स्थिरीकरण तालाब, शोधन संयंत्र आदि का भी किया जाएगा
साथ ही पेयजल स्वच्छता प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि अगले 2 दिन में प्रखंड स्तर पर सभी प्रखंडों में प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी, मुखिया, जलसहिया, स्वच्छताग्रही , वार्ड मेंबर के साथ ग्राम पंचायत स्वच्छता प्लान एवं निर्मित संरचना का आकलन हेतु प्रखंड स्तरीय कार्यशाला का आयोजन करते हुए डाटा संग्रह के लिए टीम गठन करेंगें।
साथ कनीय अभियंता सुंदरपहाड़ी सुरेश यादव द्वारा ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के विभिन्न संरचनाओं के डिजाइन एंड एस्टीमेट के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
मोके पर जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, सहायक अभियंता, सभी कनीय अभियंता, जिला समन्वयक, BPRO, मौजूद थे।
