सीडब्ल्यूसी ने बालक को उसके माता-पिता को सौंपा।।


दुमका। गांव का नाम पश्चिम बंगाल से मिलता-जुलता होने के कारण दुमका के सरैयाहाट थाना क्षेत्र से घर से भागा एक बालक के घर वापसी में चार माह का समय लग गया। दरअसल 24.05.23 को सरैयाहाट थाना क्षेत्र का 11 वर्षीय बालक को नहीं पढ़ने के कारण मां ने डांट दिया था। इससे नाराज होकर बालक ट्रेन में बैठकर भागलपुर चला गया।

भागलपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नं. 1 से रेलवे चाइल्डलाइन ने इस बच्चे को पश्चिम बंगाल के मालदा जिला का बताते हुए भागलपुर के बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष प्रस्तुत किया जहां से उसे वहां के बालगृह में आवासित कर दिया। बालगृह में काउनसेलिंग के दौरान बालक ने अपने घर का पता दुमका जिला का सरैयाहाट थाना क्षेत्र और अपने गांव के प्रधान का नाम भी बताया।

इसके आधार पर सीडब्ल्यूसी ने दुमका के डीसीपीओ से बालक का सामाजिक जांच प्रतिवेदन मांगा। सामाजिक जांच प्रतिवेदन में बालक के दुमका जिला के सरैयाहाट थाना क्षेत्र का निवासी होने के आधार पर 16.09.23 को इस बालक को दुमका सीडब्ल्यूसी को ट्रान्सफर करने का आदेश दिया। मंगलवार को भागलपुर से लाकर इस बालक को दुमका सीडब्ल्यूसी को सौंप दिया गया। सीडब्ल्यूसी की सूचना पर बालक के माता-पिता आये और अपने बेटे की पहचान की।

समिति के सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डा राज कुमार उपाध्याय एवं नुतन बाला ने इस मामले की सुनवायी करते हुए बालक, उसके माता और पिता का बयान दर्ज करने के बाद बालक के सर्वोत्तम हित में उसे माता-पिता को सौंप दिया।

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