
टीम ने स्कूलों का किया निरीक्षण, सीसीटीवी कैमरों को भी देखा
दुमका। नशा परिवार, समाज और देश के लिए अभिशाप है। ऐसे में बच्चों में नशा की बढ़ती प्रवृत्ति पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने चिन्ता जताते हुए ‘‘एक युद्ध नशे के विरूद्ध’’ का अभियान चलाया है।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के निर्देश के आलोक में बुधवार को बाल कल्याण समिति एवं जिला बाल संरक्षण इकाई के संयुक्त तत्वाधान में चेयरपर्सन डा अमरेन्द्र कुमार के नेतृत्व में दुमका जिले में इस अभियान की शुरूआत दो निजी विद्यालयों के औचक निरीक्षण से की गयी।
बाल कल्याण समिति के चेयरपर्सन डॉ अमरेंद्र कुमार, सदस्य डा राजकुमार उपाध्याय, कुमारी बिजय लक्ष्मी, नूतन बाला एवं जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश चंद्र की टीम ने दुमका के संत जोसेफ विद्यालय और सिदो-कान्हो हाई स्कूल का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान संत जोसेफ विद्यालय में 43 सीसीटीवी कैमरे चालु हालत में और पांच कैमरे बंद पाये गये। इसके अलावा स्कूल की चहारदीवारी एक जगह टूटी हुई पाई गयी। संत जोसेफ विद्यालय प्रबंधन को बंद पड़े सीसीटीवी कैमरा को चालु करवाकर और टूटे हुए चहारदीवारी को दुरूस्त करने का निर्देश दिया गया।
सिदो कान्हो हाई स्कूल में सभी 50 सीसीटीवी कैमरा चालु हालत में पाये गये पर इसके लिए एक ही मोनिटर का उपयोग किया जा रहा था। स्कूल प्रबंधन को सीसीटीवी कैमरा के लिए एक और मॉनिटर लगाने का निर्देश दिया गया। निरीक्षण के दौरान टीम ने सिदो कान्हों स्कूल के छात्र-छात्राओं से बातचीत भी की।
चेयरपर्सन डॉ अमरेंद्र कुमार ने बताया कि देश में 10 से 17 वर्ष के 40 लाख बच्चे नशे के गिरफ्त में हैं। पारंपरिक नशा के अलावा बच्चे डेनड्राइट, व्हाईट्नर, थिनर, आयोडेक्स, कफ सीरप, एविल, फोर्टविन, फेनार्गन, कैटामिल जैसे वैकप्लिक नशा का भी सेवन कर रहे हैं। समिति ने निजी स्कूलों से दुमका जिले में ‘‘एक युद्ध नशे के विरूद्ध’’ शुरू किया है जो आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि जो भी बच्चों को नशे की ओर प्रेरित करते हैं अथवा उन्हे नशे की सामग्री उपलब्ध कराते हैं, ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी। ऐसे व्यक्ति की सूचना कोई भी व्यक्ति सीधे बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण इकाई, स्थानीय पुलिस स्टेशन को या मोबाइल एप 112 पर दे सकते हैं।
