वाहन दुर्घटना क्लेम में पुलिस की भूमिका अहम :-पीडीजे।।


झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में रविवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से व्यवहार न्यायालय स्थित लाइब्रेरी हॉल में मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल (MACT) से संबधित एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रधान जिला जज देवेन्द्र कुमार पाठक, पुलिस अधीक्षक ,गोड्डा नाथू सिंह मीना, परिवार न्यायालय के प्रधान जज अशोक कुमार,जिला जज प्रथम जनार्दन सिंह, सीजेएम अर्जुन साव, एसीजेएम दयाराम,अधिवक्ता संघ के महासचिव योगेश चंद्र झा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर की गई।

इस अवसर पर प्रधान जिला जज देवेन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि मोटर दुर्घटना में मृत्यु दर को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का अनुसरण करने की जरुरत है। नए कानूनी प्रावधानों के तहत् अब मोटर वाहन दुर्घटना के क्लेम में पुलिस पदाधिकारियों की भूमिका अहम हो गई है। कार्यशाला का उद्देश्य कानून की बारीकियों को बेहतर ढंग से जानकर अमल में लाना है ताकि समय सीमा के तहत् क्लेम का निष्पादन हो सके।
उन्होंने कहा कि दुर्घटना के बाद पहले एक घंटे गोल्डन आवर होता है। दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को नजदीकी अस्पताल में पहुंचाने वाले व्यक्ति को जिला प्रशासन की तरफ से सम्मानित किए जाएंगे।इसके लिए जन जागरुकता अभियान चलाने की जरुरत है।

परिवार न्यायालय के प्रधान जज अशोक कुमार ने मोटर वाहन दुघर्टना क्लेम से संबंधित विभिन्न पहलुओं की विस्तार से जानकारी दी गई।उन्होंने दुर्घटना से संबंधित प्रीभेंसन, एटेंशन एवं क्लेम आदि पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वाहन दुर्घटना के उपरांत 48 घंटे के भीतर एफआईआर दाखिल करने, एवं तीन माह के अंदर आईएआर एवं डीएआर रिपोर्ट को संबंधित प्रपत्र भरकर ट्रिब्यूनल के समक्ष प्रस्तुत करने की जरुरत है।
इसके साथ ही संबंधित जरूरी वाहन के कागजात ,इंश्योरेंस, प्रदूषण, फिटनेस आदि कागजात को भी समर्पित करने के प्रावधानों की जानकारी दी गई। वाहन को जब्त करने व प्राथमिकी दर्ज कराने में पुलिस पूरी सावधानी बरतें ताकि क्लेम मिलने में आसानी हो सके।
डाक्टरों को भी इस दिशा में सहानुभूति प्रगट करने की जरुरत है।

उक्त कार्यक्रम के दौरान पुलिस अधिक्षक ,गोड्डा नाथू सिंह मीना ने बढ़ रही सड़क दुर्घटना से हो रही मौतों पर चिंता जताई। उनके द्वारा कहा गया कि दुर्घटना में हताहत व्यक्ति के प्रति मानवता दिखाते हुए उसकी जान बचाने में मदद करने की जरुरत है। इसमें पुलिस प्रशासन के अलावा आम लोगों को भी सहयोग करने की जरूरत है। उन्होंने पुलिस पदाधिकारियों को क्लेम से संबंधित सभी नियमों को बेहतर तरीके से समझ कर अमल में लाने का आह्वान किया।

इसके अलावा जिला जज प्रथम जनार्दन सिंह, सीजेएम अर्जुन साव, अधिवक्ता संघ के महासचिव योगेश चंद्र झा, बार काउंसिल सदस्य श्री धर्मेन्द्र नारायण व प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी दिव्यम चौधरी के द्वारा अपने-अपने वक्तव्य प्रस्तुत किए गए ।कार्यक्रम का संचालन एसडीजेएम सुरेन्द्र बेदिया के द्वारा किया गया।

मौके पर अनुमंडल पदाधिकारी, गोड्डा जेसी विनीता केरकट्टा ,जिला नजारत उपसमाहर्ता नागेश्वर साव ,जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, गोड्डा अविनाश कुमार सहित विभिन्न स्थानों के थाना प्रभारी सहित सिविल कोर्ट कार्यालय के कर्मीगण मौजूद थे।

">

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here