
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण का विशेष महत्व माना जाता है।
जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है तो इस स्थिति को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। लेकिन इस बार हाइब्रिड सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। ऐसा सौ वर्षों में एक बार होता है जब हाइब्रिड सूर्यग्रहण लगता है।
इस सूर्य ग्रहण को “निंगालू” कहा जा रहा है। क्योंकि यह पूर्ण सूर्य ग्रहण, आंशिक सूर्य ग्रहण और वलयाकार सूर्य ग्रहण के बीच की अवस्था होगी।
इस साल दो सूर्य ग्रहण लगने वाले हैं, पहला सूर्य ग्रहण आज और दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को लगेगा।
लेकिन आज का सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, इसलिए इसके सूतक आदि मान्य नहीं होगा।
