
Godda:जिला स्वास्थ्य समिति गोड्डा के तत्वावधान में “सेव द गर्ल चाइल्ड कैम्पेन” के तहत स्थानीय बालिका उच्य विद्यालय गोड्डा में लैंगिक समानता एवं सामाजिक परिवर्तन में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया ।
जिसमें एएनएम आराधना कुमारी ने बताया कि लैंगिक असमानता हमारे समाज में एक दीर्घकालिक समस्या है। आज भी महिलाओं के साथ कई तरह से भेदभाव किया जाता है। भारत के सामाजिक संदर्भ में कानूनी रूप से महिलाओं को समान अधिकार प्राप्त है, मगर लैंगिक मुद्दों पर समाज को संवेदनशील बनाने की बहुत आवश्यकता है,ताकि कोई समस्या न हो।
यह सुनिश्चित करने के लिए लिंग संवेदनशीलता एक लंबा रास्ता तय कर सकती है।
महिलाओं के साथ न केवल गर्भ और बचपन में, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में भेदभाव किया जाता है। लैंगिक अपराधों को समाप्त करने के लिए लैंगिक समानता और व्यापक सामाजिक परिवर्तन की आवश्यकता है।
लैंगिक भेदभाव का मूल कारण भारतीय समाज में प्रचलित पितृसत्तात्मक मन है। हालांकि अब ये शहरीकरण और शिक्षा के साथ बदल रहा है,फिर भी लंबा रास्ता तय करना है। जीएनएम किरण मरांडी के द्वारा बताया गया कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है जिसका शुरुआत 22 जनवरी 2015 से की गई है बेटी बचाने के लिए सरकार के द्वारा कई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। सुकन्या समृद्धि योजना को परिवार द्वारा बालिकाओं के लिए एक समान हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए चलाई जा रही है ।समाज में महिलाओं की संख्या बराबरी के लिए बालिकाओं को बचाने के बारे में सकारात्मक कदम उठाए गए हैं ,जैसे घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 से महिलाओं की सुरक्षा, कन्या भ्रूण हत्या ,उचित शिक्षा, लिंग समानता आदि ।हिंसा की शिकार महिलाओं के लिए महिला , बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की ओर से सखी वन स्टॉप सेंटर चलाया जा रहा है जिसमें पीड़ित महिला को एक छत के नीचे पुलिस सहायता ,कानूनी सहायता एवं परामर्श ,चिकित्सा सहायता, सामाजिक परामर्श और अस्थायीआश्रम इत्यादि की सेवाएं दी जा रही है।
इस मौके पर बीटीटी प्रह्लाद कुमार, बेबी कुमारी ,जी एन एम किरण मरांडी पुष्पा कुमारी एवं बालिका उच्च विद्यालय की बच्चियां और शिक्षक उपस्थित थे।
