लाखों रुपये की हर बर्ष राजस्व देने वाले स्नानागार बना आवारा कुत्तों,सुअर का आशियाना।।
रामगढ़/रामजी साह।
रामगढ़ प्रखंड का सबसे प्रसिद्ध दुर्गा मंदिर भालसुमर में 13वीं वित्त की लाखों रुपये की राशि से बने श्रद्धालुओं के लिए बनाए गए स्नानागार विगत 08 बरसों से बेहाल है। उक्त योजना में लगाये गये मोटर पम्प तथा वाटर प्लास्टिक टंकी गायब हो गया है।
आज आलम यह हे कि उक्त बदहाल स्नानागार में आवारा कुत्तों तथा सुअर का आशियाना बन गया है।जिसके कारण बाहर से पुजा अर्चना करने आने वाले श्रद्धालुओं विशेषकर महिलाओं को काफी परेशानियो का सामना करना पड़ रहा है।
लेकिन अंचल प्रशासन का इसकी कोई चिंता नहीं है।जब की हर बर्ष सरकारी दुर्गा मंदिर भालसुमर में मेला सैरात डाक बंदोबस्ती में अंचल कार्यालय रामगढ़ प्रशासन को लाखों रुपए राजस्व की प्राप्ति होती है।
हर बर्ष नवमी के दिन हजारों बकरे की बलि दी जाती है और बकरे के मुंडा से प्रशासन को हर बर्ष लाखों रुपये की आमदनी होने के बाबजूद मंदिर में पूजा अर्चना के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए न तो पेयजल की व्यवस्था है और न ही स्नानागार को ही दुरुस्त किया जा रहा है।
वहीं मेला में आने वाले श्रद्धालुओं ने दुमका डीसी से पहल की पुरजोर मांग किया है।तथा सरकारी भालसुमर दुर्गा मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिये पेयजल तथा स्नानागार दुरुस्त करने की पुरजोर मांग किया हे।वहीं विगत सात दिन पुर्व रामगढ़ थाना में दुर्गा पूजा शांति समिति की बैठक में लोगों ने सरकारी भालसुमर दुर्गा मंदिर परिसर में पेयजल की किल्लत का मामला उठाया गया था
जिसपर जरमुंडी एसडीपीओ संतोष कुमार ने लोगों को भालसुमर दुर्गा मंदिर परिसर में पेयजल दुरुस्त करने का आश्वासन दिया है। बहरहाल भालसुमर दुर्गा मंदिर परिसर पर लाखों रुपये की लागत से बने स्नानागार विगत 08 बरसों से सिर्फ शोभा का बस्तु बनकर रह गया है।