राष्ट्रीय अध्यक्ष दीपावली मनोहर को मिला 2019-20 का साहित्य सम्मान।।
अजमेर:राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद,मानव संसाधन विकास मंत्रालय, दिल्ली (NCPSL) प्रति वर्ष सिंधी भाषा के संवर्धन और सरंक्षण के लिए साहित्यकारों को नकद पुरूस्कार के साथ सम्मानित करती है.इस वर्ष (NCPSL) भारत सरकार द्वारा वर्ष 2019-20 का “लिट्ररी अवॉर्ड” यानि “साहित्य सेवा” का गौरवशाली सम्मान, साहित्य में अद्वितीय योगदान के उपलक्ष्य में अजमेर की जानी मानी सिन्धी व हिन्दी की विख्यात लेखिका दीपावली मनोहर को देने की घोषणा की गई.दीपावली को एक लाख रुपए की राशि के साथ सम्मानित किया गया.उनको यह पुरूस्कार वर्ष 2016-17 में प्रकाशित उनकी पुस्तक “सिंधी दिण वार मेला ऐं असांजू खांगी परम्पराऊं” के लिए प्रदान किया गया है.उनकी अब तक 10 पुस्तकें प्रकाशित हाे चुकी हैं और चार पुस्तकें प्रकाशित होने वाली है.
दीपावली ने हमेशा अपने पुस्तकों में भिन्न-भिन्न विषयों पर कलम आजमाई की है.
लेखिका दीपावली के बारे में बताते हुए बेहद हर्ष हो रहा है कि दीपावली राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नेपाल,गुजरात, दिल्ली, छत्तीसगढ़, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखण्ड,उत्तरप्रदेश,मध्यप्रदेश,कच्छ,महाराष्ट्र,हिमाचल प्रदेश, पंजाब,बिहार,वेस्ट बंगाल, अरुणाचल इत्यादि अनेक राज्यों से लगभग 150 संस्थाओं द्वारा देश-विदेश में सम्मानित हो चुकी हैं.इसके साथ ही दीपावली पत्रकारिता में अपने समाचार पत्र “तूफानी टक्कर” की सिल्वर जुबली पूर्णकर 27 बसंत पार कर चुकी हैं.दीपावली निर्भीक-निष्पक्ष पत्रकार होने के साथ-साथ एक अच्छी समाजसेवी भी हैं.
मानवसेवा के साथ वे पशु-पक्षियों की सेवा के लिए भी हमेशा तत्पर रहती हैं.
वर्तमान में ऑल इंडिया स्मॉल एण्ड मीडियम जर्नलिस्ट वेल्फेयर एसोसिएशन (रजि.)की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं.साथ ही वे नेशनल मीडिया फाउंडेशन दिल्ली (रजि.) की राष्ट्रीय सचिव पद पर भी हैं.
इतना ही नहीं वे समस्त सिंधी समाज समारोह समिति (रजि.) की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं.उनकी कार्यशैली एवं व्यक्तित्व समाज के लिए एक मार्गदर्शक का काम करती हैं और नारी समाज के लिये हमेशा एक प्रेरणा
प्रेस वार्ता में दीपावली ने अपना ये सम्मान अपने स्व. पिता श्री नारायणदास सिन्धी जी को समर्पित करते हुए नमन किया, और हमें बताया कि “ये सम्मान ये अवॉर्ड मेरे लिए एक अवॉर्ड मात्र नहीं है बल्कि भविष्य में और अधिक एवं बेहतर लिखने की प्रेरणा स्त्रोत है”.
इसके साथ ही मैं “राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, दिल्ली” की बहुत बहुत शुक्रगुज़ार हूँ एवं सम्मानीय अध्यक्ष प्रताप पिंजानी जी, समस्त सदस्यों का भी हार्दिक आभार व्यक्त करती हूँ जिन्होंने मेरी पुस्तक को ये सम्मान देकर नवाज़ा.
इसी कड़ी में मैं अपने हमसफ़र मनोहर की आभारी हूं जिसने बिना किसी रोक टोक के हमेशा मेरी लेखनी में मेरे सारथी बनकर सहयोग किया, फिर बिटिया भवि की तहे दिल से आभारी हूँ,जिन्होंने मुझे मेरी पुस्तक के लिए सेटिंग डिज़ाइनिग आदि को पूर्ण कर मुझे सहयोग किया.होतचन्द मोरयानी भैया का भी आभार व्यक्त करती हूँ,
जिन्होंने मुझे प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से हौसला अफजाई की है.इसके अलावा मैं अपने माता-पिता,बहनों व विजय भाटिया अंकल का हार्दिक आभार व्यक्त करती हूँ जिन्होंने मुझे सर्वप्रथम लेखनी के लिए मार्ग-प्रशस्त किया था और इस लेखनी के मार्ग मैं हमेशा निरवरधक चलती रहूंगी.