₹4.75 लाख की लागत से बने सौर ऊर्जा से संचालित मिनी जल मिनार एक साल से खराब।।

रामगढ़ प्रखंड के लत बेरवा पंचायत के खसिया गांव में 14वें वित्त आयोग की पोने पांच लाख की राशि से बने सौर ऊर्जा द्वारा संचालित मिनी जल मीनार विगत 1 साल से खराब होने के कारण लोगों को पेयजल की भारी किल्लतों का सामना करना पड़ रहा है ग्रामीणों में रंजीत कुमार , चितरंजन देवी , प्यारेलाल आदि ग्रामीणों ने बताया कि मिनीजलमिनार में बोरिंग धंस जाने के कारण मोटर जाम हो गया है

उन्होंने यह भी बताया कि जनवरी माह 2022 लतबेरवा पंचायत भवन के समीप आयोजित सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में लोगों ने बीडीओ कमलेंद्र सिन्हा को आवेदन देकर मिनीजलमिनार दुरुस्त कराने की मांग किया था जिसमें बीडीओ ने सभी ग्रामीणों को एक सप्ताह के अंदर मिनीजलमिनार दुरुस्त करने का आश्वासन दिया था। इसके बाद बीडीओ साहब भुल गये ।जो पांच माह बीतने के बाबजूद बीडीओ इस दिशा में कोई पहल नहीं किया।नतीजा सैकड़ों लोग कुप के गंदे पानी पीकर बिमार हो रहे हैं।

यहां बता दें कि बीडीओ कमलेंद्र सिन्हा बीडीओ ,सीओ और सीडीपीओ तीन पदों में कार्यरत होने के कारण इनके पास इतना समय नहीं मिलता जिससे साहब लोगों की जनसमस्याएं दुर कर सके।यहां बता दें कि 14वीं वित्त आयोग से प्रखंड के 27 पंचायतो में डेढ़ सौ से दो सौ मिनीजलमिनार में करोड़ों रुपये खर्च होने के बाबजूद 70प्रतिशत ,जो करोड़ों रुपये का मिनीजलमिनार दम तोड दिया है लेकिन न बीडीओ और न ही मुखिया को इसकी कोई चिंता है।

वहीं हम इसके शिक्षकों की बात करें तो विभागीय नियमानुसार प्रति मिनी जलमिनार में लागत स्टीमेट से 48हजार रुपये काटकर बाकी का राशि भैंडर को भुगतान दिया जाना है ताकि पांच बर्षो तक मिनी जलमिनार का रखरखाव हो सके लेकिन मुखिया पंचायत सचीव की और भैंडर की मिलीभगत से बाकी रखरखाव के 48000 रुपये बिना मिनी जलमिनार ठीक किते ही बंदरबांट कर लिया गया ।

जिसका नतीजा आज यह है कि दर्जनों मिनी जलमिनार बर्षो से खराब है और खामियाजा जनता भोग रही है। पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि कुंभकर्ण नींद में सोते हैं।वहीं ग्रामीणों ने डीसी से इस दिशा में पहल करने की पुरजोर मांग किया है।

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