मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के लाभुक को उपायुक्त के द्वारा सौंपी गई  स्कॉर्पियो (N) की चाबी।।


आज दिनांक 19.10.2023 को समाहरणालय  परिसर में  उपायुक्त ,गोड्डा  के द्वारा कल्याण विभाग द्वारा संचालित  मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत् पोड़ैयाहाट ,प्रखंड के ग्राम विरनियां के  लाभुक सुनील कुमार यादव को स्कॉर्पियो(N)  की चाबी सौंपी गई।
उक्त कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त ,गोड्डा के द्वारा बताया गया कि,इस योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 में 156 आवेदनों को कल्याण विभाग के विभिन्न निगमों  द्वारा स्वीकृति दी गई है, जिन्हें जिला कल्याण कार्यालय के माध्यम से लोन प्रदान किया जा रहा है।
वर्तमान वित्तीय वर्ष में लगभग 400 से अधिक आवेदनों को अभी तक ऑनलाइन अपलोड करते हुए संबंधित निगमों को भेजने की कारवाई जिला से की जा रही है।
उक्त कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के संबंध में जानकारी देते हुए उपायुक्त के द्वारा बताया गया कि जिला प्रशासन  के द्वारा जिले के युवाओं के विकास की दिशा में कार्य किया जा रहा है। जहां एक ओर युवाओं के स्वरोजगार / रोजगार के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर स्वरोजगार/ रोजगार को प्रोत्साहित करने हेतु मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना जैसे  योजनाओं का संचालन जिला कल्याण विभाग के माध्यम से किया जा रहा है। इन स्वरोजगार/ रोजगार योजनाओं में  युवाओं को अपने व्यवसाय के लिए ऋण देने के साथ ही अनुदान भी प्रदान किए जाते हैं। आज जिले के अनेक युवा इन कल्याणकारी योजना का लाभ लेकर स्वयं का व्यवसाय कर अपने परिवार को एक बेहतर जिंदगी जीने के साथ अन्य को भी रोजगार देने के लिए सक्षम हो गए हैं।
उक्त कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला कल्याण पदाधिकारी ,गोड्डा अविनाश कुमार के द्वारा  बताया गया कि मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत् झारखंड के अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और दिव्यांग युवाओं के लिए सावधि ऋण और ऋण सब्सिडी का प्रावधान है।
इस योजना  का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जनजाति (एसटी), अनुसूचित जाति (एससी), पिछड़ा वर्ग (बीसी) से संबंधित युवाओं को प्रतिस्पर्धी दरों (आसानी से सुलभ और तुलनात्मक रूप से कम ब्याज दर) पर ऋण और ऋण सब्सिडी प्रदान करना है। , अल्पसंख्यक और दिव्यांग (दिव्यांग) श्रेणी अपना स्वयं का उद्यम शुरू करने/स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए। ऋण और ऋण सब्सिडी के संदर्भ में यह वित्तीय सहायता पूरी तरह से स्व-रोज़गार के लिए अवसर प्रदान करके आय सृजन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए है, न कि उपभोग के उद्देश्य के लिए।
झारखंड राज्य जनजातीय सहकारी विकास निगम लिमिटेड मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और दिव्यांग (दिव्यांग) वर्ग के युवाओं को रियायती ब्याज दर पर आय सृजन योजनाओं के लिए सावधि ऋण और ऋण सब्सिडी प्रदान कर रहा है।

■ पात्रता: – 18 से 50 वर्ष की आयु के बेरोजगार युवा, जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 5.00 लाख रुपये से अधिक ना हो।
(एनएसटीएफडीसी, एनबीसीएफडीसी और एनएचएफडीसी की सावधि ऋण योजनाओं के तहत आवेदक की पात्रता पर उन निगमों के प्रचलित मानदंडों के अनुसार विचार किया जाना चाहिए)
*ऋण सहायता: रु. 50,000/- से रु. 25,00,000 तक
*वित्तीय सहायता पैटर्न
*रुपये तक की ऋण राशि के लिए. 50,000/- ऋण राशि के लिए: रु. 50,001 से रु. 25,00,000/-
*मार्जिन मनी
*(लाभार्थी अंशदान) – शून्य
*सावधि ऋण: 100%
*राज्य सरकार द्वारा ऋण सब्सिडी- ऋण राशि का 40%
*मार्जिन मनी
(लाभार्थी अंशदान) – 10%
सावधि ऋण: 90%
राज्य सरकार द्वारा ऋण सब्सिडी- ऋण राशि का 40%
मार्जिन मनी/लाभार्थी अंशदान: रु. 50,000/- से अधिक की सभी योजनाओं के लिए: 10% लाभार्थी हिस्सा लागू है।

गारंटर
50,000 रुपये तक की योजनाओं के लिए: आवश्यक नहीं
50,000 रुपये से अधिक की योजनाओं के लिए: एक गारंटर की आवश्यकता है
गारंटर की पात्रता:-
गारंटर किसी सरकारी/अर्ध-सरकारी/निजी संगठन में कार्यरत/सेवानिवृत्त कर्मचारी या निर्वाचित/पूर्व-निर्वाचित जन प्रतिनिधि/आयकर दाता हो सकता है।
या
प्लांट एवं मशीनरी तथा वाहन से संबंधित ऋण के मामले में ऋण की गारंटी के रूप में केवल दृष्टिबंधन ही मान्य होगा।
या
गारंटी के रूप में चल/अचल संपत्ति का प्रावधान –
विभाग के अंतर्गत संचालित निगमों द्वारा लाभार्थियों से ऋण राशि के बराबर चल/अचल संपत्ति भी गारंटी के रूप में प्राप्त की जा सकती है।
पात्रता मानदंड/आवश्यक दस्तावेज़:
आवेदक की आयु: 18- 50 वर्ष
आवेदक झारखण्ड राज्य का स्थायी निवासी होना चाहिए तथा इससे संबंधित ऑनलाइन जारी प्रमाण पत्र देना अनिवार्य होगा।
झारखंड राज्य से जारी जाति प्रमाण पत्र (ऑनलाइन जारी)।
झारखंड राज्य से जारी आय प्रमाण पत्र (ऑनलाइन जारी) – ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आवेदक की वार्षिक पारिवारिक आय 5.00 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
आवेदक सरकारी/अर्धसरकारी सेवा में नहीं होना चाहिए। इस संबंध में स्व-घोषणा पत्र देना अनिवार्य होगा।
आवेदक ने पूर्व में किसी सरकारी/अर्धसरकारी संस्थान से ऋण सब्सिडी का लाभ न लिया हो तथा किसी बैंक अथवा वित्तीय संस्थान का डिफॉल्टर न हो। इस संबंध में स्व-घोषणा पत्र देना अनिवार्य होगा।
आवेदक को आधार कार्ड की फोटोकॉपी / आयु प्रमाण पत्र / बैंक खाता विवरण (बैंक खाता पासबुक का पहला पृष्ठ) प्रदान करना अनिवार्य होगा।
50,001/- रुपये से अधिक के ऋण के लिए एक परियोजना प्रस्ताव देना होगा। प्रस्ताव में आवेदक को यह जानकारी भी साझा करना अनिवार्य होगा कि 1.50 लाख रुपये के निवेश पर उसके व्यवसाय में (वाहन ऋण को छोड़कर) कितना रोजगार उत्पन्न हो सकता है।

मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के प्राप्त लाभ से स्वयं के व्यवसाय की वाहन मालिक बनने से सुनील प्रसाद यादव  अत्यंत खुश हैं ,जिसके लिए उनके द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का आभार प्रकट किया गया।
मौके पर कल्याण विभाग के कर्मीगण  मौजूद थे।

">

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here