भाकपा माले का 11वां राष्ट्रीय महाधिवेशन 15 से 20 फरवरी तक पटना में होगी । फासीवाद मिटाओ- लोकतंत्र बचाओ’ शहीदों के सपनों का भारत बनाओ , राष्ट्रीय महाधिवेशन का मुख्य नारा होगा।महाधिवेशन के पूर्व 15 फरवरी को पटना के गांधी मैदान में विशाल देश बचाओ रैली और सभा होगी।
जिसमें बिहार झारखंड से दो लाख किसान मज़दूरों की जन भागीदारी होगी उपरोक्त जानकारी भाकपा माले के झारखंड राज्य सचिव मनोज भक्त ने विज्ञप्ति जारी कर दी। भाकपा माले की राष्ट्रीय महाधिवेशन विभिन्न वाम-लोकतांत्रिक शक्तियों को एकताबद्ध करते हुए देश भर में पर भाजपा विरोधी ताकतों को संगठित करने पर भी जोर दिया है.
महाधिवेशन के दौरान 18 फरवरी को ‘फासीवाद के खिलाफ जनप्रतिरोध की दिशा और कार्यभार’ पर हो रहे कंवेंशन में देश भर के कई राजनीतिक दिग्गज जिसमें मुक्यमंत्री नीतिश कुमार, राजद के युवा नेता तेजस्वी यादव, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन , यूपी के पूर्व मुख्य्मंत्री अखिलेश यादव समेत गठबंधन के अन्य घटकों के नेताओं की भागीदारी होगी.
पटना में 16 फरवरी को होनेवाले महाधिवेशन के खुले सत्र में सीपीआई, सीपीएम समेत तमाम प्रमुख वाम संगठन मौजूद रहेंगे राष्ट्रीय महाधिवेशन में पहली बार मार्क्सवादी समन्वय समिति के महासचिव हलधर महतो के नेतृत्व में मासस का प्रतिनिधि मंडल पूरे सत्र में भाग लेगा.
इस बार माले का राष्ट्रीय महाधिवेशन देश की राजनीतिक दिशा 2024 के लिए कई मायने में अहम होगी।
मनोज भक्त ने आगे बताया की
भाकपा माले के 11वें महाधिवेशन को लेकर पार्टी के छात्र-युवा, महिला समेत विभिन्न जनसंगठनों ने राज्य के सभी जिलों में गोलबंदी और प्रचार के लिए दिनरात मेहनत की है. इस क्रम में गिरिडीह समेत कई जिलों में दूसरी राजनीतिक पार्टियों के आधारों और कार्यकर्ताओं की एक खासी संख्या ने पार्टी में शामिल होने की घोषणा की है और सदस्यता ली है.
महाधिवेशन की तैयारी के क्रम में 10 हजार पार्टी सदस्यता बढ़ी है जबकि जनसंगठनों की सदस्यता 2 लाख बढ़ी है. झारखंड से फासीवाद मिटाओ रैली में आदिवासी अंचलों से भी बढ़िया भागीदारी होगी.
भाकपा माले के राज्य स्थयी कमिटी सदस्य भुवनेश्वर केवट ने कहा कि कॉरपोरेट गिरफ्त की राजनीति के वरखिलाफ राष्ट्रीय महाधिवेशन जन राजनीतिका मॉडल साबित होगा।
पार्टी की पटना में अयोजित देश बचाओ रैली में झारखंड से दस हजार से अधिक की जन भागीदारी होगी।
पुरे राज्य में दिवाल लेखन पर्चा वितरण और नुक्कड़ सभाओं के माध्यम से महाधिवेषण के लिए भागीदारी और आर्थीक सहयोग के लिए अपील की है। झारखंड से 200 चयनित प्रतिनिधि, और पर्यवेक्षक भाग लेंगे.