भीख मांग रहे तीन बच्चों का सीडब्ल्यूसी ने करवाया रेस्क्यू।।


बालक ने कहा वह पढ़ाई लिखाई कर फौजी बनना चाहता है
समिति ने अभिभावकों को दी अंतिम चेतावनी, बच्चों को भेजा घर
दुमका। शहर के शनि मंदिर के सामने भीख मांग रहे तीन बच्चों को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने रेस्क्यू करवाया है जिनमें दो बालक और एक बालिका शामिल हैं।

समिति के निर्देश पर शनिवार के सुबह लगभग 10 बजे चाइल्डलाइन दुमका के टीम समन्वयक मुकेश दुबे अपने टीम मेंबर इब्नूल हसन, निकू कुमार और निशा कुमारी के साथ शनि मंदिर पहुंचे और वहां भाई-बहन एवं दादी के साथ मौजूद एक बालक को सड़क किनारे बैठकर भीख मांगता हुआ पाया। चाइल्डलाइन के टीम मेंबर निकू कुमार और निशा कुमारी ने तीनों को समिति के समक्ष प्रस्तुत किया।

चेयरपर्सन डॉ अमरेन्द्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डॉ राज कुमार उपाध्याय, कुमारी विजय लक्ष्मी और नूतन बाला ने तीनों बालकों और समिति के समक्ष उपस्थित उनके अभिभावकों का बयान लिया और बाल भिक्षावृत्ति के इस मामले की सुनवायी की। दादी के साथ पाये गये बालक ने कहा कि वह फौजी बनना चाहता है। इसके लिए वह पढ़ाई भी करना चाहता है। उसने बताया कि वह दादी के साथ शनि मंदिर के सामने और बाजार में भीख मांगा करता है। सुबह 10 तक उसे भीख में 17 रुपये मिले थे।

उसके मां और सौतेले पिता ने बच्चे के भीख मांगने की जानकारी मिलने पर आश्चर्य जताते हुए बताया कि दोनों मजदूरी करते हैं, बच्चा दादी के साथ भीख मांगता है यह तो उन्हें अबतक पता हीं नहीं था। 12 व 9 वर्ष के भाई बहन ने बताया कि वे दोनों शनिवार को शनि मंदिर के सामने भीख मांगते हैं जिससे प्रत्येक को 50-60 रुपये मिल जाते हैं। बच्चों के माता-पिता को अंतिम चेतावनी दी गयी और अंडरटेकिंग लेकर तीनों को उनके अभिभावकों को सौंप दिया गया।
चेयरपर्सन डॉ अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि तीनों बच्चों का मामला ‘चाइल्ड बेगर’ के रूप में दर्ज किया गया है। इन बच्चों को स्पांसरशिप सहित सरकार के विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से जोड़कर उनकी पढ़ाई-लिखवाई करवायी जायगी।

उन्होंने आम लोगों से अपील की कि यदि 18 साल से कम उम्र का कोई भी बच्चा भीख मांगता हुआ देखें तो उसे भीख न दें बल्कि इसकी सूचना चाइल्डलाइन, पुलिस, सीडब्ल्यूसी या डीसीपीयू को दें ताकि बच्चे का बेहतर भविष्य सुनिश्चित किया जा सके।

">

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here