
उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी मंजूनाथ भजंत्री द्वारा जानकारी दी गयी कि बढ़ती गर्मी को देखते हुए जिलावासियों से अपील करते हुए कहा कि लगातार बढ़ती गर्मी व हिट स्ट्रॉक्स से सुरक्षित रहने की आवश्यकता है। वर्तमान में बढ़ती गर्मी को देखते हुए बेवजह 11ः00 से 4ः00 बजे के बीच अपने घरों से बेवजह न निकलें, जब तक की आवश्यक कार्य न हो। साथ ही ज्यादा से ज्यादा पेय पदार्थों का उपयोग गर्मी के मौसम में करते रहें, ताकि शरीर में पानी कमी से होने वाली बिमारियों से बचाया जा सके एवं गर्मी के मौसम में घरेलु पेय जैसे कच्चे बना आम पन्ना, नींबू पानी, बेल सरबत आदि का उपयोग करें। जिससे शरीर में पानी की कमी न हो। साथ ही गर्मी से बचाव के कुछ निम्नलिखित उपाय है।
■ गर्म हवाओ के कारण स्वास्थ्य पर मौसम का दुष्प्रभाव….
शरीर में पानी की कमी उल्टी, तेज बुखार, कमजोरी, सिर दर्द, चक्कर आना, हृदयघात, मस्तिष्कघात कार्डियोवैस्कुलर लक्षण जटिलता आदि लक्षण हैं।
● ओआरएस घोल बनाने की विधि एवं उपयोग….
ऽ साफ बर्तन में एक लीटर पानी (साधारण ग्लास से पाँच ग्लास) में ओआरएस का एक पूरा पैकेट धोन दें, तैयार किए गए ओआरएस के घोल को कुछ-कुछ अंतराल पर चम्मच से देते रहें एवं बनाए गए ओआरएस घोल को 24 घंटे के बाद उपयोग न करें।
ओ.आर.एस. का पैकेट निकटतम सरकारी अस्पताल/स्वास्थ्य उपकेन्द्र सहिया के पास निःशुल्क उपलब्ध हैः-
गर्मी में हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए ज्यादा पानी पीएं।
घर से बाहर निकलें, तो खुद को कवर करके ही निकलें।
लू लगे व्यक्ति को छाँव में लिटा दें, अगर उनके शरीर के कपड़े तंग हों तो उसे ढीला कर दें अथवा हटा दें।
ठंडे गीले कपड़े से शरीर पोछें या ठंडे पानी से नहलाएं।
लू लगे व्यक्ति की हालत में एक घंटे तक सुधार न हो, तो उसे तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में ले जाएं।
इनका नियमित सेवन करेंः-
नमक- चीनी का घोल, छांछ, नींबू-पानी, आम का शर्बत लस्सी, तरबूज खरबूजा खीरा ककड़ी आदि।
तेज धूप और लू का शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
सावधानियाँ ही बचावः-
हल्के रंग के ढीले ढाले सूती कपड़े पहनें। धूप का चश्मा इस्तेमाल करें।
संभव हो तो/गमछा प्राप्त करें, जूते चप्पल पहनें।
*दहेज नही यह पैसा है, क्या आपका चरित्र भी ऐसा है।
