फाइलेरिया मुक्ति अभियान को लेकर आज दिनांक 02.08.2023 को स्थानीय सिविल सर्जन कार्यालय ,गोड्डा के सभागार में शहरी क्षेत्र के सभी सुपरवाइजर को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में उपस्थित सभी सुपरवाइजर को फाइलेरिया रोग के बारे में जानकारी देते हुए जिला शहरी स्वास्थ्य प्रबंधक ने बताया कि यह अभियान 10 अगस्त से 25 अगस्त तक चलाया जाएगा।
कार्यक्रम में बताया गया कि दो साल से कम उम्र के बच्चों,गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्तियों के अलावा यह दवा सभी को खिलाना जरूरी है। यह दवा खाली पेट नहीं खिलाना है।दवा खाने से होने वाले प्रतिकूल प्रभाव के बारे में बताते हुए कहा गया कि यह दवा खाने से शरीर के अंदर मरते हुए कीड़ों की वजह से कभी- कभी किसी व्यक्ति को सिरदर्द, बुखार, उल्टी हो सकती हैं।इससे घबराने की जरुरत नहीं है। यह स्वतः ही ठीक हो जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि प्रशिक्षित स्वयंसेवी घर-घर जाकर फाइलेरिया की दवाई खिला कर फाइलेरिया जैसे खतरनाक रोगों से रोकथाम के लिए जानकारी देकर लोगों को जागरूक करेंगे।
उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया कि फाइलेरिया की दवाई वर्ष में एक बार प्रत्येक व्यक्ति को खानी चाहिए। यह लाइलाज बीमारी पांच से छह वर्ष के बाद पता चलता है। अगर यह बीमारी किसी व्यक्ति को हो जाए तो उसका शरीर धीरे धीरे सड़ने लगता है।
इस मौके पर एएनएम आराधना कुमारी, रीना कुमारी, पुष्पा कुमारी अलबिना सोरेन, समेत अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।