देश में पहली बार कोई मुख्यमंत्री या पूर्व मुख्यमंत्री का गिरफ्तारी राजभवन के अंदर हुआ है.हेमंत सोरेन।।

विधानसभा में दो दिवसीय विशेष सत्र में आहूत विश्वास प्रस्ताव में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी शामिल हुए है. सदन में प्रदेश के नए सीएम चंपई सोरेन के विश्वास प्रस्ताव पेश करने के बाद उन्होंने सदन में कहा कि मैं आज चंपई सोरेन के विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में बोलने के लिए खड़ा हूं हमारी पार्टी और गठबंधन चंपई सोरेन के साथ है. 31 जनवरी की काली रात काला अध्याय देश के लोकतंत्र में नई तरीके से जुड़ा है 31 की रात देश में पहली बार कोई मुख्यमंत्री या पूर्व मुख्यमंत्री का गिरफ्तारी राजभवन के अंदर हुआ ये पहली घटना देश में हुआ है. इसमें राजभवन भी शामिल है जिस तरीके से ये घटना घटी मैं आश्चर्य में हूं.

हेमंत सोरेन ने कहा कि मैं आदिवासी वर्ग से आता हूं सही गलत की समझ इंसान से लेकर जानवर तक को है बड़े सुनियोजित तरीके से 2022 से 2024 के 31 जनवरी की तारीख को घटना की पटकथा लिखीं गई. इस पकवान को धीमी आंच में पकाई गई. बड़े सुनियोजित तरीके से मुझे गिरफ्त मे लिया गया. आज बाबा साहेब के सपने से खिलवाड़ हुआ. जैसे बाबा साहेब ने अपना धर्म छोड़ बौद्ध धर्म अपनाया. इसी तरीके से आदिवासी समाज के साथ हो रहा है.

ईडी ने सदन में बोलने से रोकने की कोशिश की- हेमंत
हेमंत सोरेन ने कहा कि मुझे कोर्ट का आदेश मीडिया या बाहर नहीं बोलना है मुझे तो ईडी ने सदन में बोलने से भी रोकने की कोशिश की. राजभवन से गिरफ्तारी हुई है अब विधानसभा और राष्ट्रपति भवन से भी ऐसा होगा क्या. हेमंत ने कहा कि राज्यपाल ने 32 पन्नों का अभिभाषण पढ़ा. अभिभाषण पढ़ने के वक्त हम चिल्लाते रहे कि जब संविधान ही नहीं बचेगा तो क्या फायदा.

कागज में मेरा नाम हुआ तो ले लूंगा सन्यास – हेमंत सोरेन
आदिवासी दलित अल्पसंख्यक के साथ अन्याय हो रहा है. उसी का उदहारण 31 की घटना है विपक्ष के साथियों के तंत्र आज बोलते है कि इनको जंगल में ही रहना चाहिए. हम जंगल से निकले तो इनको तकलीफ है. हेमंत सोरेन ने कहा कि जो हुआ इसका मुझे आभास था इनके बयानों से मुझे इनकी कुंठा महसूस होती थी मगर मैने हार नहीं मानी है मुझे जेल में भेजकर ये सोचते है कि मुझे हरा देंगे..तो गलत है.

जब देश की आजादी की लड़ाई भी शुरू नहीं हुई थी तब से आदिवासी लड़ाई लड़ रहे हैं ईडी सीबीआई आईटी जिनको देश के संवेदनशील व्यवस्था मानी जाती है. जहां इनके सहयोगी करोड़ों अरबों डकार कर विदेश चले गए. उनपर करवाई की औकात इनमे नहीं है मुझे जिस जमीन के नाम पर गिरफ्तार किया गया है उनका कागज दिखाए अगर मेरा नाम हुआ तो राजनीति से सन्यास ले लूंगा. सन्यास ले लूंगा कागज में मेरा नाम हुआ तो.

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