
गांव के 30 लोगों के साथ मजदूरी करने मिजोरम गया था 14 वर्षीय बालक
रास्ते में ट्रेन से उतरने के कारण होजई सीडब्ल्यूसी ने कर रखा था आवासित
दुमका। बाल कल्याण समिति ने तीन माह से असोम में रह रहे जामा के 14 वर्षीय बालक को उसके परिवार को सौंप दिया। यह बालक गांव के लोगों के साथ मजदूरी करने मिजोराम गया था पर वह बीच रास्ते में ट्रेन से उतर गया था। 14 अक्टूबर 2022 से उसके घरवाले परेशान थे।
उसकी मां ने बालक के गुमसूदगी की सूचना जामा थाना में भी दर्ज करवायी थी। इस बालक को असोम के होजोई चाठल्डलाइन ने वहां के रेलवे स्टेशन के पास भटकता हुआ पाया था और उसे वहां के सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत कर दिया था। होजई (असोम) बाल कल्याण समिति ने एस्कोर्ड आर्डर जारी करते हुए इस बालक को दुमका सीडब्ल्यूसी भेज दिया।
चेयरपर्सन डॉ अमरेन्द्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डॉ राज कुमार उपाध्याय, कुमारी बिजय लक्ष्मी और नूतन बाला ने इस बालक के मामले की सुनवायी की। बालक ने अपने बयान में बताया कि 2019 में उसके पिता की मृत्यु हो चुकी है। वह दो भाई और एक बहन है। वह गांव के 30 लोगों के साथ काम करने के लिए मिजोरम जा रहा था।
10 अक्टूबर 2022 को सभी लोग मिजोरम के लिए रवाना हुए थे। लामडीह स्टेशन (असोम) में वह अकेले ट्रेन से उतर गया। उसके पास 2000 रुपये थे जो उसे दादा ने दिया था। एक दिन वह वहीं भटकता रहा। दूसरे दिन उसे लामडीह पुलिस अपने साथ ले गयी और चाइल्डलाइन को सौंप दिया।
चाइल्डलाइन ने उसे होजोई सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत किया जहां से उसे बालगृह में आवासित कर दिया गया। बालक के मां ने बताया कि गांव का अमृत साह उसके बेटे को काम कराने के लिए मिजोरम ले गया था। राखीसल किस्कु ने उसे फोन पर बताया था कि उसका बेटा मिजोरम नहीं पहुंचा है बल्कि रास्ते में ही कहीं उतर गया है। उसने जामा थाना में बेटे के लापता होने की सूचना दी।
समिति ने अंडरटेकिंग लेकर बालक को उसकी मां एवं अन्य परिजनों के साथ घर भेज दिया है। चेयरपर्सन डा अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि चाइल्डलाइन दुमका द्वारा इस बालक का एसआईआर 14 नवम्बर 2022 को ही होजई सीडब्लयूसी को भेज दिया गया था।
पहले एस्कोर्ट आर्डर का अनुपालन नहीं होने पर होजई सीडब्ल्यूसी ने अपने आदेश को संशोधित करते हुए बालक को एसओएस चाइल्डलाइन विलेज के मैनेजमेंट ट्रेनी के टीम के साथ दुमका भेजवाया है।
