
झारखंड सरकार के सूचना एंव जनसंपर्क विभाग (IPRD) ने पत्रकार बीमा योजना की अंतिम तिथि को 25 जनवरी से बढ़ाकर 5 फरवरी कर दिया है.इसका मूल कारण “AISMJWA” द्वारा बीमा योजना का बहिष्कार करना साबित हो रहा है.झारखंड सरकार के आईपीआरडी विभाग को इस योजना के लिए तारीख बढा़ने के बजाए प्रीमियम की राशि को घटाकर आधा करने की जरूरत है.जो सरकार बीमा योजना में 80% का अनुदान दे सकती है वह 90% में क्यों हिचक रही है.
उक्त बातें “AISMJWA” के बिहार,झारखंड और बंगाल के प्रदेश प्रभारी प्रीतम भाटिया ने एक बयान जारी कर कहा है.श्री भाटिया ने कहा कि आज पत्रकार बीमा योजना की आॅनलाईन फाॅर्म भरने की अंतिम तिथि थी जिसे बढा़कर 5 फरवरी कर दिया गया है क्योंकि झारखंड के ज्यादातर पत्रकार इस योजना का बहिष्कार कर चुके हैं.
श्री भाटिया ने कहा कि अगर आईपीआरडी के अधिकारी सरकार तक यह खबर पहुँचाते कि आॅनलाईन आवेदन में पत्रकार साथियों की दिलचस्पी नहीं होने का मूल कारण प्रीमियम की राशि का ज्यादा होना है तो शायद मुख्यमंत्री इस पर ठोस कदम उठाने के लिए आपात बैठक जरूर करते.वे बोले IPRD केवल सरकार के प्रचार-प्रसार में व्यस्त है जबकि इस महत्वपूर्ण विषय पर तुरंत पत्रकार संगठनों की आपात बैठक रांची में बुलानी चाहिए.
श्री भाटिया ने कहा कि राज्य में पत्रकार साथियों का न सिर्फ हर छोटा-बडा़ हाऊस बल्कि सरकार भी शोषण कर रही है.सरकार चाहती तो विज्ञापन के करोडो़ं के बजट का मात्र 1% काटकर भी पत्रकारों को निःशुल्क बीमा दे सकती थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ.कोरोनाकाल में 70 पत्रकार साथियों की कुर्बानी के बाद भी झारखंड सरकार कुंभकर्णी निंद्रा में लीन है.
सरकार की बीमा और एक्रिडेशन योजना का कभी लाभ नहीं लूँगा
ऐसोसिएशन के प्रदेश प्रभारी प्रीतम भाटिया ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर आज एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए कहा है कि वे कभी भी सरकार की बीमा और अधिमान्यता (एक्रिडेशन) योजना का लाभ नहीं लेंगे.वे बोले जब तक झारखंड में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू नहीं होगा वे सरकार की किसी भी योजना का लाभ कभी नहीं लेंगे.
