
दुमका। मसलिया के नयाडीह पंचायत क्षेत्र की रहनेवाली 13 वर्ष की किशोरी को घर पर छोड़ उसके माता-पिता काम करने के लिए पश्चिम बंगाल चले गये। वह भी तब जबकि किशोरी टीबी से ग्रसित थी।
किशोरी अपने घर से निकल कर जब वह भटक रही थी तो मसलिया की पूर्व प्रमुख सोनी कपुर मुर्मू को मिली। पूर्व प्रमुख ने उसे अपने घर पर आश्रय दिया और समाजिक कार्यकर्ता सचिन नंदी के माध्यम से यह खबर सीडब्ल्यूसी चैयरपर्सन के पास पहुँचा, जिससे बाद सीडब्ल्यूसी ने मामले पर संज्ञान लेते हुए उसे समिति के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया था।
तत्पश्चात उसे बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
समिति के चेयरपर्सन डॉ अमरेन्द्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डॉ राजु कुमार उपाध्याय एवं नूतन बाला ने इस मामले की सुनवायी करते हुए किशोरी का प्रोडक्सन लिया। किशोरी ने बताया कि उसके माता और पिता दोनों लंबे समय से पश्चिम बंगाल में मजदूरी कर रहे हैं।
घर पर उसके अलावा उसका भाई है। बीमारी के कारण वह घर से निकल गयी। पूर्व प्रमुख ने उसे अपने घर पर रख लिया और उसकी चिकित्सकीय जांच करवायी जिसमें टीबी होने की पुष्टि हुई है। वह कक्षा- 5 तक पढ़ी है। समिति के आग्रह पर जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश चंद्र ने डीसीपीयू की तरफ से टीबी ग्रसित इस किशोरी को निश्चय मित्र योजना के तहत गोद ले लिया और उसे पौष्टिक भोजन के रूप में हॉरलिक्स, अरहर व चना दाल, चना, गुड़ और अंडा दिया।
डीसीपीयू यूनिट अगले छह माह तक इस किशोरी को पौष्टिक आहार उपलब्ध करवायेगी। मसलिया के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया है कि किशोरी का मसलिया में ही इलाज किया जायेगा। समिति ने पूर्व प्रमुख को फिट पर्सन घोषित करते हुए किशोरी को उसके साथ घर भेज दिया।
साथ ही पूर्व प्रमुख को कहा कि किशोरी को नियमित रूप से दवा दी जाये और उसके इलाज में कोई भी कठिनाई आती है तो समिति को उससे अवगत करवाया जाये ताकि उस कठिनाई को दूर किया जा सके। समिति ने जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी को किशोरी का एसआईआर तीन दिनों में देने का आदेश देते हुए खासतौर से उसके इलाज की व्यवस्था के बारे में रिपोर्ट मांगा है।
