झारखंड सरकार नियुक्ति के नाम पर यहां के युवाओं को बरगलाने का काम कर रही है। सरकार का ना तो नीति स्पष्ट है और ना नियत। OBC के मामला भी अभी तक अस्पष्ट है| सभी मामले को ही लटका कर रखा है।
इन सभी चीजों में कोरोना कहीं से बाधक नहीं रहा है और ना ही झारखण्ड आर्थिक रूप से कमजोर रहा है। जब सरकार के ही लोग रेवेन्यू को ट्रेजरी में जमा करने के बजाए अपना ट्रेजरी में जमा कर रहे है, तो स्वाभाविक है कि यहां के युवाओं का और राज्य का विकास रुकना ही है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार कोई भी नई बहाली अनुबंध या आउटसोर्सिंग से नहीं करनी है। लेकिन प्राय: सभी बहालियां इसी तर्ज पर किया जा रहा है।जो कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अवहेलना है।
">