अधर में नगर निकाय चुनाव, जानिए बार-बार क्यों धरी की धरी रह जाती है राज्य निर्वाचन आयोग की तैयारी
झारखंड में नगर निकाय चुनाव को लेकर तैयारियां एक बार फिर से शुरू हो गई हैं. सबकुछ ठीकठाक रहा तो अप्रैल 2023 के बाद राज्य में एक साथ सभी नगर निकाय क्षेत्र में चुनाव होंगे.
रांची: झारखंड में नगर निकाय चुनाव पहेली बनकर रह गया है.
राज्य सरकार के द्वारा बार-बार एक्ट में संशोधन किए जाने के कारण नगर निकाय चुनाव अब तक लटकता रहा है. ऐसे में नगरपालिका अधिनियम में संशोधन विधेयक पास होने के बाद यह संभावना जताई जा रही है कि अप्रैल से पहले चुनाव कराना संभव नहीं है. हालांकि, झारखंड राज्य निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में प्रारंभिक तैयारी शुरू करते हुए भारत निर्वाचन आयोग से 5 जनवरी 2023 को प्रकाशित नयी वोटर लिस्ट को उपलब्ध कराने को कहा है.
नयी मतदाता सूची उपलब्ध होने के बाद इसका विखंडन किया जायेगा. विखंडन के बाद वोटर लिस्ट पर आपत्ति, प्रकाशन आदि की प्रक्रिया पूरी होने में करीब 35 दिन का वक्त लगेगा. वोटरलिस्ट तैयार होने के बाद मतदान केंद्रों का गठन मतदाताओं की संख्या के आधार पर की जायेगी. इस बार नयी मतदाता सूची में युवा वोटर यानी 18-19 आयुवर्ग के 1,69,018 नये वोटर जुड़े हैं. इसके अलावा नगरपालिका संशोधन विधेयक बिल विधानसभा से पास होकर राजभवन में है. राज्यपाल की सहमति मिलने के बाद संशोधित एक्ट की अधिसूचना जारी होगी. जिसके बाद विभाग द्वारा नियमावली तैयार कर गजट पब्लिकेशन होगा. ऐसे में सबकुछ ठीक रहा तो अप्रैल के बाद ही चुनाव कराना संभव हो सकेगा. राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राधेश्याम प्रसाद के अनुसार गजट नोटिफिकेशन जब तक आयोग के पास नहीं आयेगा, तब तक इस पर निर्णय लेना संभव नहीं है.
34 नगर निकाय चुनाव का कार्यकाल मार्च में हो जायेगा खत्म: राज्य में 48 नगर निकाय क्षेत्र हैं, जिसमें 9 नगर निगम, 21 नगर परिषद और 18 नगर पंचायत शामिल हैं. इन नगर निकायों में रांची सहित राज्य के 34 नगर निकाय क्षेत्र का कार्यकाल मार्च में खत्म हो रहा है, जबकि 2020 से 14 नगर निकायों का कार्यकाल पहले ही खत्म हो चुका है. इन नगर निकायों में सरकार द्वारा जैसे-तैसे
कामकाज चलाई जा रही है. प्रावधान के तहत रिक्त होने या पांच साल का कार्यकाल पूरा होते ही 6 महीने के अंदर चुनाव कराना अनिवार्य है, लेकिन कोरोना एवं अन्य विशेष परिस्थितियों के कारण नगर निकाय चुनाव अब तक टलता रहा है, जिसमें धनबाद, बोकारो, देवघर, मेदिनीनगर, गढ़वा, पश्चिमी सिंहभूम, गिरिडीह, कोडरमा, गोड्डा, गुमला, सरायकेला-खरसावां, रामगढ़ और हजारीबाग जिला का नगर निकाय शामिल हैं.
क्यों नहीं हो पा रहा है नगर निकाय चुनाव: 2020 से राज्य में नगर निकाय चुनाव कराने की तैयारी चल रही है, लेकिन सरकार द्वारा बार-बार एक्ट में बदलाव किए जाने के कारण यह टलता रहा है. बगैर ओबीसी आरक्षण के चुनाव कराने के फैसले से उठा विवाद अभी चल ही रहा था कि मेयर और अध्यक्ष पद के आरक्षित सीट को लेकर उठे विवाद ने सरकार को एक्ट में संशोधन करने के लिए मजबूर कर दिया. ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के ट्रिपल टेस्ट का निर्देश पर सरकार उदासीन बनी रही है. बगैर ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव की तरह नगर निकाय चुनाव कराने के फैसले के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई जारी है. सरकार द्वारा इस मामले में जवाब देने की तैयारी की जा रही है. संभावना है कि सरकार ओबीसी ट्रिपल टेस्ट के लिए जल्द ही कोई फैसला लेगी. बिहार के तर्ज पर झारखंड में भी आयोग गठित करने की चर्चा है.
नगर निगम : रांची, हजारीबाग, पलामू, धनबाद, गिरिडीह, देवघर, चास आदित्यपुर और मानगो
नगर परिषद : गढ़वा, बिश्रामपुर, चाईबासा, झुमरी तिलैया, गोमिया, चक्रधरपुर, चतरा, चिरकुंडा, दुमका, पाकुड़, गोड्डा, गुमला, जुगसलाई, कपाली, लोहरदगा, सिमडेगा, मधुपुर, रामगढ़, साहिबगंज, फुसरो और मिहिजाम
नगर पंचायत : बरहरवा, बासुकीनाथ, बुंडू, चाकुलिया, छतरपुर, धनवार, डोमचांच, हरिहरगंज, हुसैनाबाद, जामताड़ा, खूंटी, कोडरमा, लातेहार, महागामा, मझिगांव, नगर उंटारी, राजमहल और सरायकेला
ईवीएम के जरिए ही होगी चुनाव: राज्यभर के सभी नगर निकाय क्षेत्रों में चुनाव एक साथ कराए जाने की तैयारी की जा रही है. राज्य सरकार के फैसले के बाद राज्य निर्वाचन आयोग इस दिशा में कदम उठा रही है. जानकारी के मुताबिक नगर निकाय चुनाव एक ही दिन में पूरे राज्य भर में ईवीएम के जरिए होगा. ईवीएम को हर जिला में पहले से ही उपलब्ध करा दिया गया है. आयोग के अधिकारी के अनुसार सारी प्रक्रिया समयबद्ध तरीके से नये सिरे से करनी होगी, जिसके बाद ही चुनाव कराना संभव होगा.