घिसी पिटी एवं जमींदोज हो चुके राजनीति में फिर तलाशता अपना भविष्य, पर्नब सिंह।।


विजयादशमी का दिन और सारे मंदिर पंडाल में श्रद्धालुओं की भीड़ में चमकता दिखा कुछ नए चेहरे और कुछ घिसे-पिटे चेहरे।महागामा विधानसभा का हर पूजा पंडाल राजनीति का अखाड़ा दिखा।एक तरफ श्रद्धालुओं में माँ की विदाई का शोक दिखा वहीं राजनीति चमकाने वाले घिसे पिटे कोई कसर नहीं छोड़ रहे नए चेहरे को पीछे छिपाने में।
जनता जनार्दन भी देख रही है और तलाश रही है एक नई ऊर्जा को,एक नए उदय को।जनता कई बार घिसे-पिटे को भी देख चुकी है और उन लोगों को भी जानती पहचानती है जो दूसरे दलों में अपनी भविष्य तलाशते तलाशते अब इधर उज्ज्वल भविष्य तलाश रहे हैं।कुछ उभरते चेहरे अपना हथियार डाल चुके हैं तो कुछ अभी भी इधर -उधर टांग खिंच रहे हैं।कुछ लोग मतलब वैसे चतुर संगठन के पदाधिकारी अपना-अपना स्वघोषित उमीदवार चुन भी लिए है ताकि चुनाव तक पान,बीड़ी,रजनीगंधा का व्यवस्था बना रहे।नए उभरते चेहरे अपनी चमक बिखेर ना सके इसके लिए नेता जी के पुराने और भरोसेमंद दलाल कोई कसर भी नहीं छोड़ रहे।
खैर महागामा विधानसभा की जनता समय पर जवाब देती है और फिर जोरदार झनझनाने वाला जवाब देगी।
एक नया भविष्य अंकुरित होगा बढ़ेगा और फलेगा भी।भ्र्ष्टाचार,दलाली से त्रस्त लोग,फलना बाबू और दा स मिली ले वाला कहानी नहीं दोहराएगा।
आप लोग सोचते होंगे ,मैं हमेशा विरोध कियों करता हूं।कभी आपलोग यह सोचते हैं कोई पच्चीस तीस साल के राजनीतिक जीवन में किसी को दलाल के अलावा नेता कियों नहीं बनने दिया।उतना ही कमाने दिया जितना में आपका घर और गाड़ी चल जाय।जो नेता बनने के लिए उठा उसे कतरने का हरसंभव प्रयास किया गया।संगठन के कार्यो और निर्णय को हमलोगों ने अपना कर्तव्य और सर्वस्व समझा इसलिए जनप्रतिनिधियों ने अपने जीत को लोकप्रियता समझा।कोई अपने बेटे को लंदन में पढ़ा रहा है कोई अपने बेटे के लिए गोवा में फाइव स्टार होटल बनवा रखा है।किसी का बेटा लंदन में नौकरी कर रहा है और हमलोगों के बच्चे को सही तरीके से MDM भी नसीब नहीं हो रहा।कोई बिना विकास किए मोदी जी को दिखा रहा है कोई अंतिम बार की दुहाई दे रहा है।
हमलोग शिक्षा, चिकित्सा एवं जनकल्याणकारी योजनाओं से कोसों दूर भ्र्ष्टाचार, दलाली में डूबे लोग अबकी बार अबकी बार मे बहुत पीछे हो चुके हैं।
जरूरत है इसबार तरासने की,जरूरत है एक नए उदय का,जरूरत है नव अंकुरित भविष्य का,जरूरत है एक नई सोच का,जरूरत है एक नए चेहरे का,जरूरत है नए युवा चेहरे का।
विचार आप भी जरूर कीजिएगा।
बुराईयों पर अच्छाई की जीत तभी सम्भव है जब आप अच्छाई के लिए लड़ते हैं और आवाज बुलंद करते हैं।
विजयादशमी की शुभकामनाओं के साथ….

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