खतियान चाहिए या नौकरी ? – सेंगेल सालखन मुर्मू। ( गोड्डा सर्किट हाउस से, 3.2.2023 )

खतियान चाहिए या नौकरी ? – सेंगेल सालखन मुर्मू। ( गोड्डा सर्किट हाउस से, 3.2.2023 )

झारखंड बने 22 वर्षों के बावजूद किसी भी सरकार ने स्थानीयता, आरक्षण और नियोजन नीति को स्पष्ट रूप से स्थापित नहीं कर पाया। अभी भी किसी पार्टी के पास कोई ठोस नीति उपलब्ध नहीं दिखता है। अंततः झारखंडी शिक्षित बेरोजगारों के साथ घोर अन्याय होता आ रहा है। अब 1932 के खतियान का अटक- लटक जाना ( राज्यपाल द्वारा ) स्वभाविक था। चूँकि पहले भी मान्य झारखंड हाई कोर्ट द्वारा यह 27.11.2002 को खारिज किया जा चुका है। सनद रहे किसी भी अन्य राज्य में खतियान आधारित स्थानीयता नीति नहीं है। स्थानीयता का जायज आधार स्थानीय भाषा- संस्कृति और स्थानीय जातिगत सूची हो सकता है। किन्तु सोरेन परिवार को जनहित से ज्यादा वोट और नोट की फिक्र है। अतः झारखंडी जन को रोजगार देने से ज्यादा 1932 के खतियान को हौवा बनाकर उन्हें जनता को ब्लैकमेल करना पसंद है। ख़ातियान कभी भी लागू नहीं हो सकता है। अतः झारखंडी जन को रोजगार के लिए “प्रखंडवार नियोजन नीति” को लागू करने के आंदोलन को तेज करना चाहिए। अन्यथा सब कुछ बर्बाद होना तय है।

प्रखंडवार नियोजन नीति :-

झारखंड सरकार के पास उपलब्ध सभी सरकारी और गैर सरकारी नौकरियों का 90% भाग ग्रामीण क्षेत्रों को आवंटित किया जाए। तत्पश्चात आबादी के अनुपात से प्रखंडवार कोटा तय किया जाए। फिर प्रखंड विशेष के कोटा को उसी प्रखंड के अवेदकों से भरा जाए। इसमें खतियान की जरूरत नहीं है। चूंकि सभी स्थानीय माने जा सकते हैं और प्रखंड में उपलब्ध जातियों (एसटी, एससी,ओबीसी आदि) के आबादी के अनुपात से प्रखंड के कोटा को भरा जाए। यह 3 महीनों के भीतर लागू हो सकता है।

आदिवासी सेंगेल अभियान सभी राजनीतिक दलों, संगठनों,बुद्धिजीवियों, नवयुवकों आदि से अपील करता है इसको लागू करने में सहयोग करें। क्योंकि यह स्थानीयता, आरक्षण और नियोजन नीतियों को समायोजित करते हुए एक समाधानमूलक प्रस्ताव प्रस्तुत करता है। अन्यथा सोरेन खानदान अपनी राजनीतिक स्वार्थों की जिद में लूट , झूठ और भ्रष्टाचारी सरकार को बनाए रखने की हर संविधान बिरोधी कोशिश जारी रखेगा। भोले भाले नासमझ आदिवासी- मूलवासियों को दिग्भ्रमित करता रहेगा।

2) सेंगेल का “मरांग बुरू बचाओ भारत यात्रा” जारी है। आज 17 वें दिन यात्रा गोड्डा जिले के पोड़ैयाहाट प्रखंड के हरियारी फुटबॉल मैदान में जन जागरण सभा का कार्यक्रम तय है। जिसका नेतृत्व पूर्व सांसद सालखन मुर्मू और सुमित्रा मुर्मू कर रहे हैं। गोड्डा ज़िले के सेंगेल नेता सोनोती किस्कु, मेरी मरांडी, कारवारी किस्कु, सुखदेव सोरेन, सुमन किस्कु, बबलू टुडू, सकल मुर्मू, अरुण बास्की, मुकेश बेसरा आदि सक्रिय योगदान कर रहे हैं।
4.2.23 को यात्रा सभा सुंदरपहाड़ी प्रखंड के कलहाझोर मेला मैदान और 5.2.23 को गोड्डा प्रखंड के सियरकटिया फुटबॉल मैदान में दिन 12 बजे से आयोजित है।

मरांग बुरू ( पारसनाथ पहाड़) को जैनों के कैद से मुक्त करने और 2023 में हर हाल में प्रकृति पूजा धर्म- सरना धर्म कोड को लागू करने के लिए सेंगेल 11 फरवरी 2023 से अनिश्चितकालीन रेल रोड चक्का जाम करने को बाध्य है। यह हमारा संविधानसम्मत अधिकार है। सोरेन सरकार ने हम आदिवासियों के ईश्वर- मरांग बुरु को जैनों के हाथ बेचने का पाप किया है। दिशोम गुरु ने 3.50 करोड़ रुपयों में 1993 में पहले झारखंड बेचा था। अब जेएमएम के एमएलए,एमपी और मुख्यमंत्री तालझारी गांव, ललमटिया थाना ( गोड्डा जिला ) की जमीन को जबरन बुलडोजर लगाकर आदिवासियों से छीनने का काम कर रहे हैं। हम सोरेन परिवार को सर्वत्र बेनकाब करने को मज़बूर हैं। हमारे ईश्वर मरांग बुरु, हमारा सरना धर्म और हमारी धार्मिक और प्राकृतिक आस्था और विश्वास पर किसी के द्वारा चोट करना, अब हम आदिवासी और बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। मरांग बुरु हमारे लिए राम मंदिर से कमतर नहीं है। मरांग बुरु पर पहला अधिकार हम आदिवासियों का है, जैनों का नहीं है।

सालखन मुर्मू , पूर्व सांसद राष्ट्रीय अध्यक्ष, सेंगेल।
9430 7277 00 /
7091 31 2207.

">

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here