
कोल इंडिया लिमिटेड अपनी परित्यक्त खदानों को इको-पार्क में बदलने की प्रक्रिया में है, जो इको-टूरिज्म के स्थलों के रूप में लोकप्रिय हो गए हैं।

कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) अपनी परित्यक्त खदानों को इको-पार्क में बदलने की प्रक्रिया में है, जो इको-टूरिज्म के स्थलों के रूप में लोकप्रिय हो गए हैं। ये इको-पार्क और पर्यटन स्थल स्थानीय लोगों के लिए आजीविका का स्रोत भी साबित हो रहे हैं। ऐसे तीस इको-पार्क पहले से ही लोगों को निरंतर आकर्षित कर रहे हैं तथा सीआईएल के खनन क्षेत्रों में और अधिक संख्या में इको पार्क एवं इको-पुनर्स्थापना स्थलों के निर्माण की योजनाएं चल रही हैं।
कोयला खदान पर्यटन को और बढ़ावा देने वाले कुछ लोकप्रिय स्थलों में गुंजनपार्क, ईसीएल; गोकुल इको-कल्चरल पार्क, बीसीसीएल; केनपारा इको-टूरिज्म साइट एवं अनन्या वाटिका, एसईसीएल; कृष्णाशिला इको रेस्टोरेशन साइट एवं मुदवानी इको-पार्क, एनसीएल; अनंत मेडिसिनल पार्क, एमसीएल; बाल गंगाधर तिलक इको पार्क, डब्ल्यूसीएल और चंद्रशेखर आज़ाद इको पार्क, सीसीएल शामिल हैं।
