एटिक सेंटर जामा में आज सोमवार को प्रभारी कृषि पदाधिकारी गौरव कुमार के अध्यक्षता में कृषक मित्रो की मासिक समीक्षा बैठक आयोजित की गई।बैठक में कई बिंदुओं पर चर्चा की गई। बैठक में सभी कृषक मित्रों को अपने पोषक क्षेत्र में किसानों को शत प्रतिशत किसान क्रेडिट कार्ड से अच्छादित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया।
साथ ही प्रधानमंत्री सम्मान निधि के तहत छूटे हुए किसानों का शत प्रतिशत ई केवाईसी कराने एवं लैंड सीडिंग के कार्य को जल्द पूरा करने का निर्देश दिया गया ताकि सम्मान निधि के अगले किस्त का लाभ सभी किसानों को समय पर मिल सके। इसके लिए ग्राम वाइज सूची सभी कृषक मित्रों उपलब्ध करायी गयी।
इसके अलावा झारखंड कृषि ऋण माफी योजना के लाभुक किसानों को प्रज्ञा केंद्र में ई केवाईसी कराने का निर्देश दिया गया।ऋण माफ़ी योजना में कुछ कुछ समस्याएं भी कृषक मित्रो ने रखी,जैसे एक राशन कार्ड में दो ऋणी किसान होना,अंगूठा नही लग पाना,किसानों का पलायन,सूचित करने के बाद भी कृषकों द्वारा ई केवाईसी नही करना, इत्यादि।
झारखंड राज्य फसल राहत योजना में किसानों को जागरूक करना एवं प्रज्ञा केंद्र अपना फॉर्म को भीएलई से सही सही भरवाने का निर्देश दिया गया।कृषक मित्रों ने भी इस संबंध में कहा कि अगले साल की तरह किसान उत्साहित नही हो रहे है चाहे इसका कारण जो भी रहा हो।
इधर किसान मित्रो ने अपने मिलने वाले प्रोत्साहन राशि पर भी सवाल उठाया।कृषक मित्रो का कहना है कि अगस्त माह में एटीएम,बीटीएम और कृषक मित्रो के मद में चार माह का प्रोत्साहन राशि आत्मा को मिला था। जिसमे एटीएम बीटीएम को चार माह के बदले छह माह तक का सैलेरी मिल गया।जबकि कृषक मित्रो को कुछ भी राशि नही मिल पायी।पूर्व वित्तीय वर्ष में इसी तरह के स्थिति उत्पन्न होने के कारण पूरे वर्ष 12000 के बदले 10000 ही मिला पाया था।2000 राशि नही मिली,
इस कारण किसान मित्रो में नाराजगी देखी गयी।कृषक मित्रो ने कहा कि कृषि विभाग द्वारा बहुत सारा कार्य कराया जाता है उसके बदले में कृषक मित्रों को सिर्फ और सिर्फ कागज, कलम,कापी,भाड़ा आदि के रूप में सालाना 12000 मिलता है। उसमें भी 2000 रुपया का कटौती हो जाने से कृषक मित्रों में असंतोष ब्याप्त है।
इस मौके पर बीटीएम समरेंद्र सिंहा, एटीएम बंटी कुमारी,कृषक मित्र इंद्रकांत यादव,हराधन मरिक, सुशील कुमार यादव,मुकेश राउत, दामोदर महरा,खेमराज राय,सुनील टुडू ,सनत मसूद,देवेंद्र टुडू,सुमन राउत आदि मौजूद थे।