
गोड्डा जिला के विभिन्न सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा ई विद्यावाहिनी एप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करने में परेशानी को लेकर शिकायत की जा रही थी।
उपायुक्त, गोड्डा द्वारा समस्याओं के निराकरण हेतु सरकार के सचिव, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, झारखंड, राँची से अनुरोध किया गया। इसके आलोक में श्री के0 रवि कुमार, सचिव के कार्यालय आदेश ज्ञापांक-170/स०को० राँची दिनांक 21.09.2023 द्वारा त्रिसदस्यीय तकनीकी दल का गठन करते हुए शिकायतों की सत्यता की जाँच हेतु गोड्डा भेजा गया।
उक्त तकनीकी दल द्वारा दिनांक 26.09.2023 से 27.09.2023 तक गोड्डा जिले के गोड्डा, पोड़ैयाहाट, महागामा एवं बसंतराय प्रखंडों के कुल 10 विद्यालय में जाकर लगभग 75 शिक्षकों से प्राप्त शिकायतों की जाँच की गई। ई-विद्यावाहिनी एप्प के माध्यम से दैनिक उपस्थिति दर्ज करने व अन्य आंकड़ों को अपलोड करने के क्रम में शिक्षकों को हो रही समस्याओं से तकनीकी दल अवगत हुए।
निरीक्षण के क्रम में तकनीकी दल को यह ज्ञात हुआ कि पुराने सर्वे के आधार पर ई विद्यावाहिनी एप्प में विद्यालयों के को-ऑर्डिनेट्स अपलोड किये गये थे, जिसमें से कुछ विद्यालयों के को-ऑर्डिनेट्स गलत अपलोड होने के कारण एवं विद्यालय से अन्यत्र जाकर उपस्थिति दर्ज करने के कारण ई विद्यावाहिनी एप्प पर उपस्थिति दर्ज करने में विसंगतियाँ देखी जा रही थी। साथ ही एप्प सपोर्टिंग गजट (मोबाईल ) का प्रयोग नहीं करने एवं एप्प को अपडेट नहीं करने के कारण ही उक्त समस्याएं आ रही थी।
तकनीकी दल के द्वारा बताया गया कि ई-विद्यावाहिनी एप्प में सॉफ्टवेयर के बिन्दु पर किसी तरह की समस्या नहीं है। जानकारी के अभाव में ई- विद्यावाहिनी एप्प के माध्यम से दैनिक उपस्थिति दर्ज करने में समस्या होने के कतिपय मामले आए हैं।
इस संबंध में जानकारी के प्रसार एवं एप्प को सही तरीके से उपयोग करने के लिए तकनीकी दल के द्वारा जिलास्तरीय कम्प्यूटर प्रोग्रामर एवं प्रखंड स्तरीय एम०आई०एस० ऑपरेटरों के साथ ट्यूटोरियल सत्र भी आयोजित किया गया।
ई-विद्यावाहिनी एप्प के माध्यम से दैनिक उपस्थिति दर्ज करने में किसी तरह की समस्या होने पर शिक्षक उसी तिथि को लिखित रूप में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी /जिला शिक्षा अधीक्षक को समस्या से अवगत करायेंगे जिसका निराकरण जिला शिक्षा पदाधिकारी/जिला शिक्षा अधीक्षक उसी तिथि को सहायक कम्प्यूटर प्रोग्रामर के माध्यम से कराना सुनिश्चित करेंगे। भविष्य में शिक्षकों द्वारा पुनः ऐसी शिकायत करने पर विचार नहीं किया जायेगा।
