इन टिप्स को फॉलो करेंगे तो आपके भी पौधे में बम्‍पर फ्लावरिंग होने लगेगी।।

इन टिप्स को फॉलो करेंगे तो आपके भी पौधे में बम्‍पर फ्लावरिंग होने लगेगी।।

अक्सर बहुत से लोग की समस्या रहती हैं कि उनके मधुकामिनी (Orange Jasmine) के पौधे में फूल नहीं आते हैं, तो इन कुछ टिप्स को फॉलो करेंगे तो आपके भी पौधे में बम्‍पर फ्लावरिंग होने लगेगी-

● मधुकामिनी के पौधे को पर्याप्‍त सनलाइट की आवश्यकता होती हैं। इसके लिए इसे ऐसे जगह लगाए जहां इसे कम से कम 6-7 घंटे की धूप मिल सके।

● मधुकामिनी को अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में लगाए, जिसमें पानी बिल्कुल भी एकत्रित ना हो। ऐसी मिट्टी तैयार करने के लिए खेत की मिट्टी 50%+ वर्मीकम्पोस्ट/ गोबर की खाद 30% + बालू/ कोकोपीट 20% को अच्छे से मिक्स करें और इसके अलावा इसमें एक मुट्ठी नीम खली, एक चम्मच बोनमील/राॅक फास्फेट और 1-2 चम्मच जाइम (zyme) भी मिला सकते हैं।

● मधुकामिनी में मार्च-अप्रैल से लेकर अक्टूबर-नवम्बर तक बम्‍पर फ्लावरिंग होती हैं। जब इसके फूल खिलकर सूख जाए तो उसके टिप्स को काटकर निकाल दे, इससे नए-नए ब्रांचेस निकलती हैं और फ्लावर खिलने में मदद मिलती हैं।

● फूल खिलने के बाद जब इसमें फूल आना बंद हो जाए तो इसकी सेमी-हार्ड प्रूनिंग कर दें, इससे पौधा घना बनता हैं और फूल भी ज्यादा आता हैं। आप इसकी प्रूनिंग मार्च-अप्रैल और बरसात के मौसम में कर सकते हैं। दिसंबर से लेकर फरवरी तक मधुकामिनी का पौधा डोरमेंसी पीरियड (सुप्तावस्था) में रहता हैं इस समय पौधे की प्रूनिंग ना करें और ना ही पौधे में किसी भी फर्टिलाइजर का इस्तेमाल करें।

● मधुकामिनी में बम्‍पर फ्लावरिंग के लिए पोटैशियम रिच फर्टिलाइजर की जरूरत होती हैं। इसके लिए आप इसमें दो तरह के फर्टिलाइजर दें सकते हैं। पहला हैं आर्गेनिक फर्टिलाइजर, इसके लिए केले के छिलके, प्याज के छिलके और चायपत्ती (इस्तेमाल की गई चायपत्ती को अच्छे से धोने के बाद) तीनों को एक लीटर पानी में डालकर 3-4 दिन तक डिकम्पोस्ट होने दें, फिर 3-4 दिन बाद इसे छानकर इसमें एक्स्ट्रा 2 लीटर और पानी मिलाकर, अपने पौधों में डालें। हर 15 दिन पर यह लिक्विड फर्टिलाइजर अपने पौधे को जरूर दें। दूसरा हैं केमिकल फर्टिलाइजर, इसके लिए पोटेशियम नाइट्रेट, म्यूरेट ऑफ़ पोटाश या N:P:K 0:52:34 की 2 ग्राम/ लीटर मात्रा को पानी में मिलाकर पौधे की पत्तियों पर स्प्रे करें। कुछ समय बाद आपके मधुकामिनी में फूल आना शुरू हो जाएंगे।

● इसके अलावा साल में सिर्फ दो बार मार्च-अप्रैल और सितंबर-अक्टूबर में सरसों की खली का लिक्विड फर्टिलाइजर भी दे सकते हैं। इसके लिए 100 ग्राम सरसों की खली को किसी मिट्टी के बर्तन या प्लास्टिक की बाल्टी में 1 लीटर पानी में अच्छे से मिलाकर 4 से 5 दिनों तक डिकम्पोस्ट होने दें। इसके बाद इस तैयार घोल को 10 लीटर पानी में मिलाकर पौधे की मिट्टी में डालें। हफ्ते भर में आपके पौधे में नए बदलाव दिखने लगेंगे और धीरे-धीरे कलियाँ आनी शुरू हो जाएगी।

">

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here