अस्पताल जाकर रामगढ़ के गैंगरेप पीड़िता से मिली सीडब्ल्यूसी।।


पीड़िता के स्वास्थ्य में सुधार पर 10 दिनों तक रहना पड़ेगा अस्पताल में भर्ती
चाइल्डलाइन के माध्यम से सीडब्ल्यूसी ने पीड़िता के बारे में प्रारंभिक रिपोर्ट ली
दुमका। बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने रामगढ़ के गैंगरेप पीड़िता और उसके परिवार से पीजेएमसीएच में जाकर मुलाकात की है और उन्हें हर तरह की मदद का भरोषा दिया है। चेयरपर्सन डा अमरेन्द्र कुमार सदस्य डा राज कुमार उपाध्याय और सदस्य कुमारी विजया लक्ष्मी ने पीड़िता व उसके परिजनों से मिलने के बाद चिकित्सक से मुलाकात कर उसके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। स्त्री एवं प्रसूती विभाग के चिकित्सक डा रवि रंजन ने बताया कि पीड़िता के प्राईवेट पार्ट में गैंगरेप के कारण 14 जनवरी की रात में ही गहरा जख्म होने और काफी रक्तस्राव होने के कारण उसकी स्थिति ठीक नहीं थी। देरी के कारण उसके जख्म में इंफेक्सन हो गया था जिसे ऑपरेट कर स्टीच किया गया।

उसका हिमोग्लोबिन घटकर 5.2 हो गया था जिस कारण उसे दो यूनिट ब्लड चढ़ाया गया जिसके बाद उसके हिमोग्लोबिन का स्तर बढ़कर 8.7 हो गया है। उसकी स्थिति में बहुत सुधार है। उसे 72 घंटे के ऑब्जर्वेशन में रखा गया है। जैसी उसकी स्थिति है उसके मुताबिक 10 दिनों तक उसे अस्पताल में भर्ती रखना पड़ सकता है। सीडब्ल्यूसी ने चाइल्डलाइन समन्वयक मुकेश दुबे के माध्यम से टीम मेंबर शांतिलता हेम्ब्रम को अस्पताल भेजकर पीड़िता, उसके दादा और दादी से घटना की प्रारंभिक रिपोर्ट भी प्राप्त कर ली है। केश के अनुसंधानकर्ता द्वारा गुरूवार तक एफआईआर की कॉपी और फार्म बी समिति को उपलब्ध नहीं करवाया था जबकि पोक्सा एक्ट के तहत केस रजिस्टर होने पर 24 घंटे के भीतर दोनों दस्तावेज समिति के समक्ष प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
दरिंदा ने रातभर छात्रा के साथ किया बलात्कार
दुमका। पीड़िता ने बताया है कि सोहराय पर्व के अंतिम दिन 14 जनवरी को गांव में तीर-धनुष का प्रोग्राम हुआ था। वह शाम के 7 बजे अपने दादा-दादी के साथ वहां गयी थी। विजेताओं को पुआ और दर्शकों को खाने के लिए मुढ़ी दिया गया था। वह पीढ़ा पर बैठकर मुढ़ी खा रही थी और नाच देख रही थी। दादा-दादी ने घर चलने को बोला तो उसने कहा कि वह नाच देखकर बाद में आयेगी। इसी बीच उस गांव के चार लड़के और जामा गांव का एक लड़का वहां आये और उसे जबरन मैदान की ओर ले गये। वह विरोध करती रही पर किसी ने उसकी बात नहीं सुनी। छहों ने उसके साथ रातभर दुष्कर्म किया। उसके साथ मारपीट भी किया। घटना के बारे में बताने पर जान से मार देने की धमकी दी। अंत में 15 जनवरी की सुबह उसे उसके घर के पिछवाड़े में लाकर छोड़ दिया। उसके दादा-दादी ने उसकी काफी खोजबीन की थी। दोनों जगे हुए थे। उसे गर्दन व पेट के नीचले हिस्से में दर्द हो रहा था। दादी ने जब कपड़ों में खून लगा देखकर उससे पूछताछ की तो उसने आपबीती बता दी। दादी ने आग जलकार सेंका और घर में ही उसके जख्म का उपचार शुरू किया। जब उसकी तबीयत ज्यादा खराब होने लगी तो 17 जनवरी के दोपहर 1 बजे उसके ऑटो से लेकर दुमका अस्पताल पहुंचे जहां उसका इलाज शुरू हुआ।
दोषियों को कड़ी सजा दिलाना चाहती है पीड़िता
दुमका। रामगढ़ के अपने गांव के सातवीं कक्षा में पढ़नेवाली पीड़िता ने कहा कि अभी तो अस्पताल में इलाजरत है और शरीर जख्म है। जैसे ही वह ठीक हो जायेगी, दोषियों को सजा दिलवाने के लिए पूरे परिवार के साथ कानूनी लड़ाई लड़ेगी। इसके लिए वह कानूनी मदद भी लेना चाहती है ताकि वह दरिंदों को कड़ी से कड़ी सजा दिला सके।

">

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here