अर्थशास्त्र के ज्ञानी, देश के लोकप्रिय पूर्व प्रधानमंत्री का निधन, जाने आज तक का सफर।।

पाकिस्तान का वो गांव, जहां पैदा हुए थे मनमोहन सिंह; उनके नाम पर बना है स्कूल

देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में आज निधन हो गया. गुरुवार रात तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन से देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी तक ने उनके निधन पर दुख जताया है. बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान से खास कनेक्शन है. बीजेपी के दिग्गज नेता लाल कृष्ण आडवाणी की तरह ही मनमोहन सिंह ने भी देश के विभाजन का दर्द झेला था. वह भी अपने परिवार के साथ बॉर्डर पार कर पंजाब के अमृतसर में आकर बस गए थे.

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जन्म पाकिस्तान के हिस्से वाले पंजाब प्रांत के चकवाल जिले के गाह गांव में हुआ था. 2004 में जब मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री बने थे तो अपने देश से ज्यादा पाकिस्तान में उनकी चर्चा हुई थी. 2007 में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की तत्कालीन सरकार ने गाह गांव को आदर्श गांव के तौर पर बनाने का ऐलान किया था. यही नहीं आज भी गाह गांव में एक गवर्नमेंट बॉजय स्कूल है, जिसे वहां की सरकार ने मनमोहन सिंह के नाम पर रखा है.

मनमोहन सिंह के नाम से पाकिस्तान में स्कूल:

यह स्कूल ‘मनमोहन सिंह गवर्नमेंट बॉजय स्कूल’ के नाम से जाना जाता है. इसी स्कूल में मनमोहन सिंह ने अपनी शुरुआती पढ़ाई भी की थी. गाह गांव के लोगों ने मनमोहन सिंह से गुजारिश की थी कि वो एक बार यहां जरूर आएं. यही नहीं गांव के रहने वाले राजा मोहम्मद अली बताते हैं कि मनमोहन सिंह एक बार भारत आए थे. उन्होंने मनमोहन सिंह और उनके परिवार से मुलाकात की थी.

मनमोहन सिंह के साथ में पढ़ते थे राजा मोहम्मद अली:

गाह गांव के ही रहने वाले उनके क्लासमेट राजा मोहम्मद अली ने बताया था कि वह और मनमोहन सिंह पहली से चौथी क्लास तक साथ में पढ़े थे. साथ में ही खेलते-कूदते थे. इसके बाद मनमोहन सिंह चकवाल कस्बे में पढ़ने चले गए. दोनों का मिलना-जुलना होता रहता था. फिर जब दोनों देशों का बंटवारा हुआ तो उनका परिवार भारत पलायन कर गया.

गाह आज भी मनमोहन सिंह को धन्यवाद देता है:

राजा मोहम्मद अली बताते हैं कि गाह गांव के लोग आज भी मनमोहन सिंह को धन्यवाद देते हैं. मनमोहन सिंह के चलते ही आज गाह गांव आदर्श गांव बना हुआ है. मनमोहन सिंह के चलते ही आज उनके गांव में डबल रोड है, स्ट्रीट लाइट्स हैं. गांव के लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग दो स्कूल हैं. दो अस्पताल भी बनाए गए हैं. इसके अलावा मस्जिदों से लेकर मकानों तक को पक्का कराया गया है.”

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